Middle East Tension: ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिज़्बुल्ला ने एक बार फिर इजरायल पर बड़ा रॉकेट हमला किया। समूह ने रविवार को दावा किया कि उसने इजरायल के 11 सैन्य ठिकानों पर 320 कत्युशा रॉकेट दागे हैं। इसके जवाब में इज़राइली सेना ने दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले (एयर स्ट्राइक) शुरू कर दिए, ताकि हिज़्बुल्ला के हमले प्लान को नाकाम किया जा सके। बताजा जा रहा है कि इजरायल के लड़ाकू विमान लेबनान की सीमा में दाखिल हुए और हिज्बुल्ला के ठिकानों को निशाना बनाया। इजरायल के रक्षा मंत्री ने देश में 48 घंटे के लिए इमरजेंसी की घोषणा की है।
इजरायल-लेबनान बॉर्डर पर दिखीं धुएं और आग की लपटें
इज़रायली सेना ने रविवार को पहले ही लेबनान में हिज़्बुल्ला के ठिकानों पर प्री-एम्पटिव स्ट्राइक करने का ऐलान किया। आईडीएफ ने कहा है कि हिज्बुल्ला इज़राइल पर हमले की तैयारी कर रहा है। इसबीच, इजरायल-लेबनान बॉर्डर पर दोनों ओर से जारी हमलों के चलते भारी मात्रा में धुआं और आग की लपटें उठती देखी गईं।
कमांडर शुकूर की हत्या के बदले ड्रोन हमले किए: हिज्बुल्ला
हिज़्बुल्ला ने बताया कि उसने पिछले दिनों अपने टॉप कमांडर फौआद शुकूर की बेरूत में एक एयर स्ट्राइक में हत्या के बदले में इज़रायल पर ड्रोन हमले किए। ईरान समर्थित समूह का दावा है कि उसने एक "स्पेशल इज़रायली मिलिट्री टारगेट" और कई अन्य सैन्य ठिकानों, बैरकों और आयरन डोम प्लेटफॉर्म्स को निशाना बनाया। इस घटनाक्रम से मध्य-पूर्व में पहले से जारी तनाव और बढ़ गया है, जिससे क्षेत्र एक और युद्ध के मुहाने पर पहुंच सकता है।
अमेरिकी सैन्य अधिकारी का मिडिल ईस्ट में औचक दौरा
उधर, जारी तनाव के बीच अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने मिडिल ईस्ट में औचक दौरा किया। एयरफोर्स जनरल सीक्यू ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष ब्राउन ने जॉर्डन में अपनी यात्रा शुरू की और कहा कि वह मिलिट्री लीडर्स के दृष्टिकोण को सुनने के लिए आने वाले दिनों में मिस्र और इज़रायल का भी दौरा करेंगे।
पिछले साल 7 अक्टूबर से शुरू हुआ था गाजा युद्ध
- गाजा पट्टी में जारी जंग की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई थी, जब हमास के बंदूकधारियों ने इजरायली इलाके में घुसपैठ की। इस हमले में करीब 1,200 लोगों की मौत हो गई और करीब 250 लोग बंधक बनाए गए, जैसा कि इजरायली आंकड़े बताते हैं।
- इसके बाद इजरायल के सैन्य अभियान ने गाजा पट्टी के करीब 2.3 मिलियन लोग अपने घरों से विस्थापित हुए। इस युद्ध के कारण गंभीर भुखमरी और बीमारियों का प्रकोप जारी है। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अब तक कम से कम 40 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।