Hezbollah Walkie-Talkie Explosion: लेबनान में 18 सितंबर की रात हिज्बुल्लाह के वॉकी-टॉकी में हुए धमाकों से पूरा देश दहल गया है। इन धमाकों में 32 लोगों की जान चली गई, जबकि 3,250 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इन धमाकों का असर कई इलाकों में देखा गया है। हिज्बुल्लाह का आरोप है कि इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ है। यह हमला हिज्बुल्लाह पर पेजर अटैक के एक दिन बाद हुआ। हमले के वक्त पेजर अटैक में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था।
लेबनान और हिज्बुल्लाह इजरायल से नाराज
लेबनान सरकार और हिज्बुल्लाह दोनों ने इजरायल को इन धमाकों का जिम्मेदार ठहराया है। हिज्बुल्लाह ने कहा कि यह हमला हमारी संप्रभुता पर सीधा हमला है। हम इन हमलों का बदला जरूर लेंगे। वहीं, लेबनान के सूचना मंत्री जियाद मकारी ने कहा कि इजराइल की यह नई युद्धनीति है। हमारी जांच फिलहाज जारी है। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल हिज्बुल्लाह पर नहीं बल्कि पूरे लेबनान पर है।
धमाकों के बाद 60 से ज्यादा घरों में लगी आग
धमाकों के बाद लेबनान के कई इलाकों में आग लग गई। दमकल कर्मियों ने 60 से ज्यादा घरों, 15 कारों और दर्जनों मोटरसाइकिलों में लगी आग को बुझाने का काम किया। विस्फोटों के कारण कई लोग घरों में फंसे हुए थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। अधिकारियों का कहना है कि यह हमला काफी सुनियोजित था और इसका उद्देश्य लेबनान के विभिन्न हिस्सों में अस्थिरता पैदा करना था।
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इजरायल ने नए जंग के लिए कसी कमर
इजरायल ने इन हमलों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देश उत्तरी इलाके के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। इजरायन ने नए जंग के लिए कमर कस ली है। इजरायल ने 20 हजार सैनिकों को देश की उत्तरी सीमा पर तैनात किया है। इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा कि युद्ध का केंद्र अब उत्तर की ओर जा रहा है। इजराइल ने अब अपनी सेनाओं, संसाधनों और ऊर्जा को इस नए मोर्चे पर केंद्रित करना शुरू कर दिया है।
ईरान बोला- हमले का करारा जवाब देंगे
ईरान के राजदूत भी इस विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए। ईरान ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह इस हमले का करारा जवाब देगा। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में कहा कि ईरान अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने अधिकारों की रक्षा करेगा। ईरान ने इस हमले को लेकर गंभीर चेतावनी दी है। ईरान ने कहा है कि हम अपने राजदूत पर हमले का बदला लेंगे।
अमेरिका ने शुरू की मध्यस्थता की कोशिश
अमेरिका इस तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने की कोशिश कर रहा है। वाशिंगटन के शीर्ष दूत अमोस होचस्टीन ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें यह समझाने की कोशिश की कि एक गहरे संघर्ष में जाने से इजराइल को कोई फायदा नहीं होगा। होचस्टीन ने यह भी कहा कि अगर यह युद्ध बढ़ता है, तो इसका असर पूरे क्षेत्र पर पड़ेगा।
दुनिया की नजरें लेबनान और इजरायल पर
इस हमले के बाद दुनिया भर की नजरें लेबनान और इजरायल के बीच के तनाव पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष और बढ़ता है, तो यह पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता फैला सकता है। संयुक्त राष्ट्र और दूसरे कई इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन इस मामले में दखल दे सकते हैं। अगर ईरान और लेबनान के साथ इजरायल का युद्ध शुरू होता है तो मिडिल ईस्ट में एक नया संकट पैदा होगा। इससे पूरी दुनिया पर असर पड़ेगा।