Houthis targeted warships: 2 दिन और 3 ड्रोन अटैक। सभी अटैक ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने किया। अमेरिकी सेना ने रविवार को बताया कि भारत जा रहा एक कच्चे तेल का टैंकर लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए एक हमलावर ड्रोन की चपेट में आ गया। इस मालवाहक जहाज भारत का झंडा लगा था। हालांकि इंडियन नेवी ने अमेरिका के इस दावे को नकार दिया है। इंडियन नेवी ने कहा कि वह भारत का नहीं बल्कि गैबन का जहाज था। उस पर 25 भारतीय सवार थे। हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं मिली है। जबकि नार्वे के झंडे वाला जहाज हमले में बाल-बाल बचा।
क्षेत्र में एक अमेरिकी जहाज को राहत-बचाव के लिए भेजा गया। हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि ईरान ने कहा कि हमले में उसका हाथ नहीं है। हूती विद्रोही अपना निर्णय खुद लेते हैं।
इससे पहले शनिवार को एक जापानी कंपनी के स्वामित्व वाले तेल टैंकर जहाज पर ड्रोन से हमला किया गया था। जहाज भारत में मंगलुरु आ रहा था। जब उस पर हमला हुआ तो वह भारत के समुद्री तट से करीब 320 किमी दूर था। इंडियन कोस्ट गार्ड शिप विक्रम केम प्लूटो को गार्ड कर रहा है। उसे भारतीय तट की तरफ लाया जा रहा है। इसका वीडियो भी सामने आया है।
रात 8 बजे ड्रोन से बनाया निशाना
रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार रात 8 बजे अमेरिकी नौसैनिक जहाज को 2 जहाजों से सूचना मिली थी कि उन पर हमला हो रहा है। एक नार्वे का झंडा लगे केमिकल टैंक एमवी ब्लामेनन और दूसरा जहाज एमवी साईं बाबा था। इस जहाज का मालिकाना हक गैबॉन के पास है। दोनों कच्चा तेल टैंकर हैं, जिस पर एकतरफ ड्रोन हमला किया गया। हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं दी गई।
भारतीय नौसेना अधिकारियों ने बताया कि गैबन के झंडे वाला जहाज एमवी साईबाबा को भी लाल सागर में ड्रोन हमले का सामना करना पड़ा है। इसमें चालक दल के 25 भारतीय सदस्य सवार हैं, जो सुरक्षित हैं। यह भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं है।
अमेरिका ने चार ड्रोन को मारा
ताजा घटनाओं से पहले अमेरिकी डिस्ट्रॉयर ने यमन के हूती नियंत्रित क्षेत्रों से आने वाले चार ड्रोनों को मार गिराया। हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन है। जिस पर शनिवार को भारतीय तट के पास एमवी केम प्लूटो पर हुए हमले का आरोप लगाया गया है। उन्होंने बार-बार लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाया। वे गाजा के हक में इजराइल से जुड़े व्यापारिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं।
हर हमले ईरान से हो रहे
पेंटागन ने आरोप लगाया है कि एमवी केम प्लूटो हो या अन्य दो जहाजों पर, ड्रोन से हमला ईरान से किया गया। हालांकि ईरान के उप विदेश मंत्री अली बघेरी ने कहा कि हूती अपना निर्णय खुद करते हैं। वे अपनी क्षमताओं पर काम करते हैं। बता दें कि अक्टूबर में इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से लाल सागर में जहाजों पर हमले बढ़े हैं। लंबी यात्राओं के लिए ईंधन की अधिक लागत के बावजूद प्रमुख शिपिंग कंपनियों ने अफ्रीका के दक्षिणी सिरे के आसपास अपने मालवाहक जहाजों का मार्ग बदल दिया है।