Imran Khan Cipher Case: पाकिस्तान से बड़ी खबर है। पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान को 10 साल की सजा सुनाई गई है। खान के अलावा पूर्व विदेश मंत्री और पार्टी उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को भी 10 साल की कैद हुई है। स्पेशल कोर्ट के जज अबुल हसनत जुल्करनैन ने साइफर केस में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत सजा मुकर्रर की है। 71 वर्षीय इमरान खान और 67 साल के कुरैशी को रावलपिंडी की हाइटेक सिक्योरिटी वाली अदियाला जेल में रखा गया है।
पिछले महीने नए सिरे से शुरू हुई थी सुनवाई
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 13 दिसंबर को साइफर केस में इमरान और कुरेशी को दूसरी बार दोषी ठहराए जाने के बाद विशेष अदालत ने पिछले महीने अदियाला जिला जेल में नए सिरे से सुनवाई शुरू की थी। इमरान और कुरैशी को पहली बार अक्टूबर में दोषी ठहराया गया था। हालांकि दोनों ने खुद को निर्दोष बताया था।
इमरान ने पहले ही कहा था- यह फिक्स मैच है
इमरान खान ने एक्स पर कहा कि यह कोई ट्रायल नहीं है बल्कि एक तय मैच है जिसका नतीजा लंदन प्लान के किरदारों और योजनाकारों और उनकी मुहरों द्वारा पूर्व निर्धारित था। यही कारण है कि मुझे इस मामले का फैसला पहले से ही पता है। याद रखें कि साइफर एक ऐसा मामला है, जिसे इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने दो बार अमान्य घोषित किया है और फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। क्योंकि दोनों बार मामले को संविधान और कानून का उल्लंघन करके चलाने की कोशिश की गई थी। फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुझे इस मामले में जमानत दे दी है, क्योंकि इस मामले की पूरी इमारत झूठ, बदमाशी, साजिश और धोखे पर बनी है।
8 फरवरी को चुनाव में सबक सिखाने की अपील
पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने यह भी आरोप लगाया कि ये लोग मुझे इस मामले में कड़ी सजा देकर आपको उकसाना चाहते हैं ताकि आप सड़कों पर निकलें और विरोध करें, फिर इसमें अपने अज्ञात लोगों को जोड़ें और स्टाइल में एक और झूठा फ्लैग ऑपरेशन करें। यह आपकी लड़ाई है और यह आपकी परीक्षा है कि आपको शांतिपूर्ण रहते हुए 8 फरवरी को अपने वोट से हर अन्याय का बदला लेना है। अब सिर्फ आपके वोट से पिछले 8 महीनों से जेलों में बंद निर्दोष पाकिस्तानियों को न्याय मिलेगा और रिहाई होगी। मुझे विश्वास है कि जैसे आपने कल डर की जंजीरें तोड़ दीं, वैसे ही आप चुनाव के दिन लाखों की संख्या में सामने आएंगे और अपने वोट की ताकत से लंदन योजना के योजनाकारों को हराएंगे और उन्हें बताएंगे कि हम कोई भेड़ें नहीं हैं, जिन्हें छड़ी से हांका जा सकता है। मेरा मानना है कि 8 फरवरी हमारी जीत का दिन होगा।
क्या है साइफर केस?
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार अप्रैल 2022 में गिरी थी। इससे पहले और बाद में इमरान खान ने दावा किया था कि उनकी सरकार गिराने के लिए अमेरिका और उस वक्त के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने साजिश रची थी। इस साजिश की जानकारी अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान ने एक सीक्रेट लेटर के जरिए दी थी। राजनयिक भाषा में इसी लेटर को साइफर कहा जाता है।
इमरान खान ने इस लेटर को 2022 में कई चुनावी रैलियों में लहराते हुए देखा गया।। कानूनी तौर पर यह लेटर एक नेशनल सीक्रेट होता है। जिसे सार्वजनिक जगह पर दिखाया नहीं जा सकता है।
तोशाखाना केस में हुई थी तीन साल की कैद
इमरान खान को 5 अगस्त 2023 को तोशाखाना प्रकरण में तीन साल की कैद हो चुकी है। इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इमरान खान के 5 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद लाहौर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। तोशाखाना प्रकरण में आरोप है कि इमरान खान ने बेशकीमती तोहफों को बेचकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया था।