Myanmar Travel Advisory: पड़ोसी मुल्क म्यांमार में तनाव तेजी से फैल रहा है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें भारतीय नागरिकों को रखाइन राज्य की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रखाइन राज्य में रह रहे भारतीय नागरिक तुरंत वहां से किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट हो जाएं। हिंसा में वृद्धि, लैंडलाइन समेत दूरसंचार के अन्य नेटवर्क में व्यवधान और आवश्यक वस्तुओं की कमी सहित मौजूदा स्थिति के कारण सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे रखाइन राज्य की यात्रा न करें। 

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि जो भारतीय नागरिक पहले से ही रखाइन राज्य में रह रहे हैं, उन्हें तुरंत राज्य छोड़ने की सलाह दी जाती है। सभी को यांगून स्थित भारतीय दूतावास के साथ खुद को पंजीकृत कराने के लिए कहा गया है। पंजीकरण करना इसलिए जरूरी है कि इमरजेंसी में लोगों को सुविधा दी जा सके। 

तीन साल पहले हुए तख्तापलट के बाद से चल रही हिंसा
1 फरवरी, 2021 को सेना ने म्यांमार में तख्तापलट कर दिया था। सेना सत्ता पर काबिज हो गई थी। इसके बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। रखाइन राज्य और कई अन्य क्षेत्रों में पिछले साल अक्टूबर से सशस्त्र जातीय समूहों और म्यांमार की सेना के बीच गंभीर लड़ाई देखी गई है।

नवंबर के बाद से म्यांमार के कई प्रमुख शहरों और भारत की सीमा के पास के क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी बढ़ गई है। इससे मणिपुर और मिजोरम की सुरक्षा पर संभावित प्रभाव को लेकर सरकार की चिंता बढ़ गई है। म्यांमार की सेना अपने विरोधियों और सत्तारूढ़ शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष करने वालों को निशाना बनाकर हवाई हमले कर रही है।

भारत के साथ म्यांमार की 1640 किमी लंबी सीमा
म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है। नागालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ इसकी 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। पिछले हफ्ते, भारत ने देश में हिंसा को पूरी तरह से बंद करने और समावेशी संघीय लोकतंत्र की ओर बदलाव का आह्वान किया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने 1 फरवरी को कहा था कि हम म्यांमार में बिगड़ती स्थिति से चिंतित हैं जिसका सीधा असर हम पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक पड़ोसी देश और म्यांमार के मित्र के रूप में, भारत लंबे समय से हिंसा की पूर्ण समाप्ति और समावेशी संघीय लोकतंत्र की ओर म्यांमार के परिवर्तन की वकालत करता रहा है।