India Bangladesh trade: भारत और बांग्लादेश के बीच राजनीतिक तनाव गहराता जा रहा है। हालांकि, बांग्लादेश सरकार के फाइनेंस एडवाइजर सालेहुद्दीन अहमद ने स्पष्ट किया है कि व्यापार पर इसका असर नहीं होगा। सालेहुद्दीन कहा कि व्यापारिक फैसले राजनीति से प्रेरित नहीं होंगे। सस्ती कीमत और गुणवत्ता प्राथमिकता होगी। बढ़ते तनाव और हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों के बावजूद, भारत और बांग्लादेश के व्यापारिक रिश्तों को बनाए रखने के प्रयास जारी हैं।
भारत, बांग्लादेश का सबसे बड़ा निर्यात बाजार
भारत और बांग्लादेश का व्यापारिक रिश्ता मजबूत है। 2022-23 में दोनों देशों के बीच 15.9 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। भारत, बांग्लादेश का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। हाल ही में बढ़ते राजनीतिक तनाव ने इस रिश्ते को चुनौती दी है। भारत से निर्यात रोकने की मांग ने हालात को और गंभीर बना दिया। इसके बावजूद, सालेहुद्दीन अहमद ने व्यापार को स्थिर रखने की बात कही।
राजनीति व्यापार में दखल नहीं देगी
बांग्लादेश के नेता सालेहुद्दीन अहमद ने कहा कि व्यापारिक फैसले केवल गुणवत्ता और कीमत के आधार पर होंगे। सालेहुद्दीन ने स्पष्ट किया कि राजनीति व्यापार में दखल नहीं देगी। सालेहुद्दीन ने कहा कि जहां से सस्ती और बेहतर गुणवत्ता मिलेगी, बांग्लादेश वहीं से सामान खरीदेगा। सालेहुद्दीन ने कहा कि भारत से निर्यात रोकने की मांग बांग्लादेश के कारोबारी फायदे के लिहाज से अप्रसांगिक होगा।
निर्यात रोकने की मांग पर दिया ये जवाब
भारत में कुछ नेताओं ने बांग्लादेश को निर्यात रोकने की बात कही है। इस पर सालेहुद्दीन ने कहा कि निर्यातकों का ध्यान लाभ पर होता है। राजनीति से प्रभावित होकर वे व्यापार नहीं रोकते। अगर भारत निर्यात रोकता है, तो बांग्लादेश दूसरे विकल्पों की ओर रुख करेगा। बांग्लादेश का मानना है कि राजनीति और व्यापार को अलग रखा जाना चाहिए।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़े हमले
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं। हाल ही में, इस्कॉन से जुड़े पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने विवाद को और गहरा दिया है। भारत ने इसे लेकर चिंता जताई है। हिंदू समुदाय पर हमलों के कारण भारत में बांग्लादेश से व्यापार रोकने की मांग तेज हो गई है। यह मुद्दा दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा रहा है। वहीं, बांग्लादेश सरकार ने अपने देश में हिंदुओं के सुरक्षित होने का दावा किया है। साथ ही कहा कि भारत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रहा है।
रमजान से पहले खाद्य तेल की कीमतें बढ़ीं
रमजान के दौरान बाजार स्थिर रखने के लिए बांग्लादेश सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सालेहुद्दीन अहमद ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाने के उपाय किए गए हैं। सालेहुद्दीन ने जनता से धैर्य रखने की अपील की। बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं। बांग्लादेश में खाद्य तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। सालेहुद्दीन ने इसके लिए सप्लाई चेन के भीतर मौजूद बिचौलियों और सिंडिकेट को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सरकार इन समस्याओं को सुलझाने के लिए काम कर रही है। उनकी प्राथमिकता है कि लोगों को सस्ती कीमतों पर जरूर सामन मिल सके।
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म्यांमार और अन्य देशों से चर्चा कर रहा बांग्लादेश
बांग्लादेश ने म्यांमार और अन्य देशों से व्यापारिक बातचीत शुरू की है। सालेहुद्दीन ने बताया कि उनकी सरकार नए आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रही है। उनका उद्देश्य है कि आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी तरह की रुकावट न हो। यह कदम भारत पर निर्भरता को कम करने की दिशा में उठाया गया है। बांग्लादेशी नेता ने आश्वासन दिया कि बाजार में जरूरी वस्तुओं की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन को मजबूत बनाए रखने के लिए कई उपाय किए गए हैं। सरकार बाजार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।