Sunita Williams Boeing Starliner: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है। 58 वर्षीय सुनीता विलियम्स ने 5 जून को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर उड़ान भरी। इस मिशन पर नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी "बुच" विल्मोर भी सुनीता विलियम्स के साथ थे। इस मिशन का नाम बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) है। यह नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम का हिस्सा है।
क्यों अहम है बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट
CFT इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रेग्युलर क्रू फ्लाइट्स के तौर पर स्टारलाइनर को मान्यता देने के लिहाज से यह स्पेस फ्लाइट बेहद अहम माना जा रहा है। यह मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक लाने और ले जाने वाला दूसरा निजी अंतरिक्ष यान बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। अगर यह सफल रहा, तो स्टारलाइनर स्पेस X के क्रू ड्रैगन के बाद दूसरा यान होगा जो ISS तक अंतरिक्ष यात्रियों को पहुंचाने और वहां से वापस लाने में सक्षम होगा।
26 घंटे बाद ISS की सतह पर उतरेगा स्टारलाइनर
उड़ान के करीब 26 घंटे बाद स्टारलाइनर ISS की सतह पर उतरेगा। यह अंतरिक्ष यान अपने साथ 500 पाउंड से ज्यादा कार्गो यानि की अंतरिक्ष स्टेशन पर इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट और दूसरे सामान लेकर पहुंचेगा। दोनों अंतरिक्ष यात्री एक सप्ताह तक ISS पर रहकर जरूरी टेस्ट करेंगे। इस दौरान सुनीता विलियम्स अपने सहयोगी "बुच" विल्मोर के साथ आईएसएस में रहकर स्पेस सेक्टर से जुड़े नए प्रोजेक्ट पर काम करेंगी।
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में कर चुकी हैं कई कारनामे
- यह पहला मौका नहीं है जब सुनीता विलियम्स ने स्पेस सेक्टर में कोई नया कीर्तिमान बनाया है। इससे पहले वह 2006 से 2007 और उसके बाद 2012 में एक महिला अंतरिक्ष यात्री के तौर पर सबसे ज्यादा स्पेस वॉक करने का कारनामा भी कर चुकी हैं। सुनीता विलियम्स दुनिया की पहली ऐसी महिला एस्ट्रोनॉट हैं जिनका स्पेसवॉक टाइम 50 घंटे 40 मिनट है।
- साल 2012 में सुनीता विलियम्स ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में ट्रायथलॉन पूरा किया और ऐसा करने वाली पहली महिला एस्ट्रोनॉट बनी थी। इस दौरान सुनीता ने वेटलिफ्टिंग मशीन का इस्तेमाल करते हुए अंतरिक्ष में स्वीमिंग करने की नकल की थी और और हार्नेस से बंधे हुए ट्रेडमिल पर दौड़ीं थीं।