Iran president election:ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद देश में राष्ट्रपति की सीट खाली हो गई है। इस स्थिति में कई सवाल उठ रहे हैं कि अब राष्ट्रपति की कमान किसे मिलेगी और कब चुनाव होगा। ईरान के संविधान के अनुसार,अगर किसी राष्ट्रपति की पद पर रहते हुए मौत हो जाती है, तो उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभालना पड़ता है, लेकिन इसके लिए सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की मंजूरी जरूरी होती है। सर्वोच्च नेता काे ईरान में सर्वेसर्वा माना जाता है। साथ ही चुनावी प्रक्रिया पर निगरानी रखने वाली संस्था गार्डियन काउंसिल की कमान भी उनके पास ही होती है।

ईरान में  क्या है चुनाव की प्रक्रिया?
ईरान में हर 4 साल में फ्रांस की तरह चुनाव होते हैं। पिछला चुनाव 2021 में हुआ था और अगला चुनाव 2025 में प्रस्तावित था, लेकिन इब्राहिम रईसी की मौत के बाद चुनाव 28 जून को कराने का फैसला लिया गया है। बता दें कि ईरान के नियमों के अनुसार  उपराष्ट्रपति केवल 50 दिनों तक ही सत्ता संभाल सकते हैं, इसलिए इस अवधि के भीतर नए राष्ट्रपति का चुनाव आवश्यक होता है। इसलिए राष्ट्रपति रईसी की मौत के एक दिन बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। 

30 मई से शुरू होगी नामांकन की प्रक्रिया
ईरान की स्टेट मीडिया IRNA  के मुताबिक,ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया 30 मई से शुरू हो जाएगी। चुनाव प्रचार 12 जून से 27 जून के बीच किया जा सकेगा। देश के ज्युडिशियल, लेजिस्लेटिव और कार्यकारी अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में सोमवार को चुनाव की तारीखों पर फैसला लिया जाएगा। बता दें कि यह ईरान का 14 वां राष्ट्रपति चुनाव होगा। 

किसकी होगी चुनाव कराने की जिम्मेदारी
भारत में चुनाव आयोग चुनाव कराता है, लेकिन ईरान में गार्डियन काउंसिल यह काम करती है। इस पैनल में 6 इस्लामी जज और 6 वरिष्ठ मौलवी होते हैं जो सुप्रीम लीडर की देखरेख में काम करते हैं। ये पैनल तकनीकी और वैचारिक आधार पर उम्मीदवारों की जांच करता है। पिछले चुनाव में 592 उम्मीदवारों में से केवल 7 को ही चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी।

संसद के चुनाव और उनकी जिम्मेदारी
हर 4 साल में ईरानी संसद के 290 सदस्य चुने जाते हैं जो कानून का मसौदा तैयार करते हैं और देश के बजट को मंजूरी देते हैं। हालांकि, गार्डियन काउंसिल संसद पर नियंत्रण रखता है और शरिया कानून की नजर से सभी कानूनों की जांच करता है। काउंसिल के आधे सदस्य सुप्रीम लीडर द्वारा नियुक्त होते हैं और न्यायपालिका के प्रमुख की नियुक्ति भी सुप्रीम लीडर ही करता है।

मतदान के नियम और सुप्रीम लीडर का नियंत्रण
ईरान में 18 वर्ष की आयु होते ही सभी नागरिक मतदान कर सकते हैं। अगर पहले चरण में किसी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा मत नहीं मिलता है तो रन-ऑफ चुनाव कराया जाता है। ईरान में सभी नीतियां और निर्णय सुप्रीम लीडर की मर्जी से होते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों पर भी उनकी ही मुहर होती है। अयातुल्ला अली खामनेई 1989 से अब तक देश के सर्वोच्च नेता हैं और उनके पास सभी सेनाओं की कमांड और युद्ध या शांति की घोषणा करने की शक्ति है। राष्ट्रपति के बाद वह देश के सबसे ताकतवर व्यक्ति हैं।