Iran vs Israel: ईरान ने मंगलवार (1अक्टूबर) की रात में इजरायल पर 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं, लेकिन इजरायल का कोई नुकसान नहीं कर पाया। इजरायल की डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि हमला मोसाद हेडक्वार्टर, नेवातिम एयरबेस और तेल नोफ एयरबेस को को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया, लेकिन इजराइल के डिफेंस सिस्टम ने ईरान की ज्यादातर मिसाइलों को नष्ट कर दिया।

इजरायल के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने ईरान के हमले को नाकाम कर दिया है। अब चर्चा यह होने लगी है कि अगर इजरायल ने ईरान पर हमला किया तो क्या वह हमले को झेल पाएगा? आखिर ईरान और इजरायल कितने ताकतवार हैं? इसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।  

आबादी में कौन कितना बड़ा? 
दोनों देशों की ताकत को मापने की शुरुआत हम आबादी से करते हैं। ईरान की आबादी इजराइल से दस गुना अधिक है।ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2024 के अनुसार, ईरान की आबादी 8 करोड़ 75 लाख से अधिक है, और इजराइल की आबादी करीब 91 लाख है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार ईरान की सशत्र सेनाएं पश्चिम एशिया में सबसे बड़ी सेना है। इन सेनाओं में कम से कम 5,80,000 सैनिक हैं। इनके अलावा करीब 200,000 प्रशिक्षित रिजर्व सैन्य कर्मी हैं।

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ईरान के पास मिसाइलों का शानदार बेड़ा
ईरान के पास मिसाइलों का जबरदस्त बेड़ा है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज की एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम एशिया में ईरान के पास बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का भारी भरकम भंडार है। इनमें क्रूज मिसाइलें और एंटीशिप मिसाइलें शामिल हैं। 2,000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं।

टैंकों के मामले में ईरान है आगे
जमीन पर युद्ध में ताकत की बात करें तो यहां भी ईरान आगे दिख रहा है। इजराइल के पास टैंकों की संख्या 1,370 है, जबकि ईरान के पास 1,996 टैंक हैं। हालांकि इजराइल के पास मर्कवा जैसे आधुनिक टैंक हैं। वहीं, नौसेना की बात करें तो दोनों ही देश बहुत मजबूत स्थिति में नहीं हैं। मतलब कि नौसेना के मामले में न इजराइल बहुत मजबूत है और न ही ईरान। हालांकि, ईरान के पास छोटी नावें हैं, जिनके जरिए वह बड़े हमले कर सकता है। ग्लोबल फायरपावर के अनुसार ईरान के बेड़े में ऐसी नावों की संख्या 67 और पनडुब्बियों की संख्या 19 है।  इजराइल के पास ऐसी 101 नावें और पांच पनडुब्बियां है।

ईरान सैन्य संरचना में है मजबूत 
ईरान की सैन्य संरचना इसको एक बड़ी ताकत बनाती है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में की मानें तो इसी सैन्य संरचना के कारण ईरान के विरोधी देश अमेरिका और इजराइल उस पर सीधा हमला करने की हिमाकत नहीं करते। दरअसल, पश्चिम एशिया में ईरान प्रॉक्सी मिलिशिया के अच्छे-खासे नेटवर्क को हथियार मुहैया कराता है। उनको ट्रेनिंग और फंडिंग देता है। इसी प्रॉक्सी मिलिशिया में लेबनान का हिजबुल्लाह, यमन का हूती, सीरिया और इराक में मिलिशिया समूह के साथ ही साथ गाजा में हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जेहाद शामिल हैं। इन्हें आमतौर पर ईरान की सशस्त्र सेना का हिस्सा नहीं माना जाता, लेकिन बुरे वक्त में का आ सकते हैं। ये ईरान के काफी वफादार भी हैं। इसी खतरे को देखकर इजराइल ने पहले गाजा पट्टी पर हमला किया और 11 महीने तक किसी और की ओर ध्यान नहीं दिया। 

परमाणु शक्ति में इजराइल का जलवा
युद्ध में परमाणु क्षमता बहुत अधिक महत्व रखती है। इस मामले में इजराइल आगे है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार इजराइल के पास करीब 80 परमाणु हथियार हैं। इनमें से केवल ग्रेविटी बम की संख्या 30 है। ग्रेविटी बमों को विमानों द्वारा भी गिराया जा सकता है। वहीं, इजराइल के 50 अन्य परमाणु हथियारों से हमला करने के लिए मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की जरूरत होगी। इन मिसाइलों के जरिए 50 परमाणु बमों को छोड़ा जा सकता है।

इजरायल के पास कम लेकिन कुशल सैनिक
इजराइली सैन्य बलों के मामले में ईरान से पीछे है, लेकिन यहां के सैमिक हथियार चलाने में कुशल और लड़ाई में खासे ट्रेंड हैं। आजरायल के पास सेना, नौसेना और अर्धसैनिक बलों में कुल 1,69,500 सैनिक हैं। हालांकि, इजराइल अपने नागरिकों को हर परिस्थिति के लिए तैयार रखता है। वहां हर नागरिक को अनिवार्य रूप से सेना की ट्रेनिंग देता है। इसलिए रिजर्व बलों में उसके सैनिकों की संख्या 4,65,000 और अर्धसैनिक बलों में 8,000 जवान रिजर्व हैं। जरूरत पड़ने पर इजराइल में हर आम इंसान हथियार उठा सकता है। 

हवा में मार करने में इजराइल है ताकतवर
जवानों के मामले में ईरान भारी दिख रहा है तो हथियारों के मामले में इजराइल आगे है। हवा लड़ाई लड़ने के मामले में इजराइल मजबूत है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार इजराइल के पास कुल लड़ाकू विमानों की संख्या 612 है। वहीं, ईरान के पास 551 लड़ाकू विमान हैं। इजराइल की वायु सेना में अत्याधुनिक एफ-15एस, एफ-16एस और एफ-355 जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं। ईरान के लड़ाकू विमान इतने आधुनिक नहीं हैं। 

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