Israel to Welcome 6,000 Indian Workers: इजराइल और हमास के बीच 7 महीने से जारी है। इस बीच 6 हजार भारतीय अप्रैल-मई में इजराइल जाने वाले हैं। इजरायली सरकार ने बुधवार देर रात को घोषणा की कि इजरायल-हमास संघर्ष के कारण श्रमिकों की कमी हो गई है। इस किल्लत को दूर करने के लिए 6 हजार से अधिक भारतीय श्रमिकों को अप्रैल और मई के बीच इजरायल लाया जाएगा। ये मजदूर निर्माण संबंधी काम में मदद करेंगे।
इजरायली सरकार ने कहा कि वित्त मंत्रालय, निर्माण और आवास मंत्रालय द्वारा चार्टर्ड उड़ानों पर सब्सिडी देने के संयुक्त निर्णय के बाद श्रमिकों को एयर शटल के माध्यम से ले जाया जाएगा। मजदूरों को इजराइल ले जाने के लिए दोनों देशों के बीच सरकार-से-सरकार (G2जG) समझौता हुआ है।
इजराइल को भारतीय श्रमिकों की आवश्यकता क्यों है?
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था। इसके बाद इजराइल ने भी पलटवार किया। हवाई हमले के बाद ग्राउंड ऑपरेशन कर इजराइल ने गाजा को बर्बाद कर दिया है। यह युद्ध कब तक चलेगा, इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। ऐसे में इजराइल को विदेशी श्रमिकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
इन श्रमिकों में से अधिकांश लगभग 80,000 मूल रूप से फिलिस्तीनी प्राधिकरण-नियंत्रित वेस्ट बैंक से थे। 17,000 मजदूर गाजा पट्टी से आए थे।अक्टूबर में जंग छिड़ने के बाद अधिकांश के वर्क परमिट रद्द कर दिए गए। जिससे देश में श्रमिकों की कमी बढ़ गई।
पिछले मंगलवार को समझौते के तहत भारत से 64 निर्माण श्रमिक इजराइल पहुंचे। अगले कुछ हफ्तों में अप्रैल के मध्य तक कुल 850 और श्रमिकों के आने की उम्मीद है। हाल के महीनों में 900 से अधिक निर्माण श्रमिक पहले ही बी2बी मार्ग के माध्यम से भारत से इजराइल में प्रवेश कर चुके हैं।
भारत और श्रीलंका के श्रमिकों के अलावा, लगभग 7,000 चीन से और लगभग 6,000 श्रमिक पूर्वी यूरोप से आए हैं। बयान में कहा गया है कि यह कम समय में निर्माण क्षेत्र के लिए इजराइल पहुंचने वाले विदेशी श्रमिकों की सबसे बड़ी संख्या है।
इजराइल ने विदेशी कामगारों के लिए नियमों में दी ढील
सरकार ने इजराइल में विदेशी श्रमिकों की आमद में पर्याप्त वृद्धि की सुविधा के लिए नियमों में ढील दी है। इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य जीवन यापन की लागत को कम करना, नौकरशाही प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, सरकार और व्यापार क्षेत्र के बीच संघर्ष को कम करना, विदेशी श्रमिकों के रोजगार की निगरानी और निगरानी बढ़ाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।