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Israeli Strike on Hezbollah: इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इजरायली स्ट्राइक में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह निशाने पर था। यह हमला इजरायली प्रधानमंत्री द्वारा यूएनजीए में एक अपमानजनक भाषण के तुरंत बाद हुआ।

Israeli Strike on Hezbollah: इजरायली वायुसेना ने लेबनान की राजधानी में शुक्रवार (27 सितंबर) को सबसे बड़ी स्ट्राइक की। बताया जा रहा है कि बेरूत के पास हुए इस हमले में हिज़बुल्लाह के मुख्यालय को निशाना बनाया गया, जो रिहायशी इमारतों के नीचे स्थित था। इजरायल ने दावा किया है कि ये इमारतें हिज़बुल्लाह के मुख्यालय के रूप में इस्तेमाल हो रही थीं। इजरायली स्ट्राइक में हिज़बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह टारगेट पर था, इज़राइली और अमेरिकी अधिकारियों ने हमले की पुष्टि की है। 

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने UNGA में भाषण के बाद स्ट्राइक
बता दें कि यह हमला उस समय हुआ जब इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मुखर भाषण दिया, जिसमें उन्होंने गाजा और लेबनान में चल रहे संघर्ष पर अपनी सरकार के रुख को स्पष्ट किया। लेबनान पर ताजा स्ट्राइक के बाद इजरायल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वहां के रक्षा मंत्री खुद वॉर रूम से स्ट्राइक और सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं। 

'अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इज़रायल को रोकने की अपील'

  • लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद के अनुसार, इजरायली हमलों में चार से छह रिहायशी इमारतें पूरी तरह से ध्वस्त हो गईं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में हताहतों की संख्या अभी कम है क्योंकि कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं। ये रिहायशी इमारतें हैं, और इनमें लोग रह रहे थे। जो भी इन इमारतों में था, वह अब मलबे के नीचे दबा हुआ है। 
  • लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इजरायली स्ट्राइक की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह साबित करता है कि "इज़रायली दुश्मन युद्धविराम की अंतर्राष्ट्रीय अपीलों को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता।" उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इज़रायल को रोकने की अपील की है।

बचाव दल और पैरामेडिक्स टीमें घटनास्थल पर मौजूद
बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हुए हवाई हमलों के बाद बचाव दल और पैरामेडिक्स घटनास्थल पर पहुंचे और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। अभी तक हताहतों की सही संख्या की जानकारी नहीं मिल पाई है। बेरूत के दक्षिणी हिस्से में हुए इन हमलों को हाल के वर्षों में सबसे भीषण माना जा रहा है।

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