Japan Moon Lander SLIM Surprise Wake Up: जापान के मून मिशन स्नाइपर के साथ चमत्कार हुआ है। 19 जनवरी को इसे लॉन्च किया गया था। अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करने में कामयाब रहा था। लेकिन लैंडर स्लिम (Smart Lander for Investigating Moon) पर लगे सोलर पैनल में खराबी आ गई थी। बैटरी मोड पर काम करते हुए यह कुछ घंटे जीवित रह सका था। फिलहाल, स्लिम के साथ चमत्कार हुआ है। 15 दिन बाद अचानक स्लिम गरीब नींद से जाग उठा। यह दावा जापान स्पेस एजेंसी (JAXA) ने खुद किया। वैज्ञानिक भी हैरत में पड़ गए हैं।
कैसे हुआ स्लिम के साथ चमत्कार?
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने कहा कि जैसे ही सूर्य की दिशा बदली, यह पृथ्वी के दो दिनों के बराबर फिर से जीवित हो गया। नींद से जागने के बाद स्लिम ने हाइटेक कैमरे के साथ एक क्रेटर का वैज्ञानिक अवलोकन किया। लेकिन जैसे ही चंद्रमा पर रात का अंधेरा लौटा, यह फिर से सो गया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रमा पर रातें बेहद ठंडी होती हैं। स्लिम लैंडर को उसके हिसाब से डिजाइन नहीं किया गया था। अब इस बात की उम्मीद कम है कि यह फिर से जागेगा। लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी गई है।
वैज्ञानिकों ने किया था संपर्क
JAXA ने सोमवार को एक्स पर कहा कि कल (25 फरवरी) को हमने एक कमांड भेजा था, जिसका स्लिम ने जवाब दिया। SLIM अपने कम्युनिकेशन को बनाए रखते हुए चंद्रमा की सतह पर एक रात जीवित रहने में सफल रहा।
थोड़े समय कम्युनिकेशन ठप कर दिया गया। क्योंकि अभी भी चंद्रमा पर दोपहर का वक्त था। संचार उपकरण का तापमान बहुत अधिक था। लेकिन यह भी कहा गया है कि जब उपकरण का तापमान पर्याप्त रूप से ठंडा हो जाएगा तो संचालन फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
क्या है स्लिम?
स्लिम, जिसे इसकी सटीक लैंडिंग तकनीक के लिए मून स्नाइपर कहा जाता है। 20 जनवरी को अपने लक्ष्य लैंडिंग क्षेत्र के भीतर पहुंच गया। यह उपलब्धि जापान के लिए बहुत बड़ी है। चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने वाला जापान पांचवा देश है। अब तक संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, चीन और भारत चंद्रमा पर पहुंचा है।