Japan Moon Mission Sniper Lunar Landing: जापान के मून मिशन स्नाइपर ने शुक्रवार देर रात (भारतीय समयानुसार रात 12:20 बजे) चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की। जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के अध्यक्ष हिरोशी यामाकावा ने मिशन के सफल लैंडिंग की पुष्टि की। इस सफलता के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला जापान पांचवां देश बन गया है। रूस, चीन, अमेरिका और भारत पहले ही चंद्रमा पर अपने मिशन को अंजाम दे चुके हैं।
लैंडिंग रही कामयाब, मगर...
JAXA के वैज्ञानिकों को डर है कि मून मिशन समय से पहले खत्म हो सकता है। कारण लैंडिंग के वक्त स्पेसक्रॉफ्ट के सोलर पैनल काम नहीं कर रहे हैं। इसे अपनी बैटरी पर काम करना पड़ रहा है। एजेंसी ने कहा कि उसे फिलहाल लैंडर से सिग्नल मिल रहा है, जो उम्मीद के मुताबिक कम्युनिकेशन कर रहा है।
स्नाइपर 25 दिसंबर को चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचा था। उसी दिन ये कक्षाओं को बदलते हुए चंद्रमा की तरफ बढ़ रहा था। एजेंसी का कहना है कि स्नाइपर पूर्व में हुए मून मिशंस में लैंडिंग के लिहाज से सबसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस है। रडार से लैस स्लिम लैंडर चंद्रमा के इक्वेटर पर लैंड कर चुका है।
\いよいよ本日23時より/
— ISAS(JAXA宇宙科学研究所) (@ISAS_JAXA) January 19, 2024
【SLIM月着陸ライブ 配信🌓】
1月19日(金) 23:00〜
🔗https://t.co/jfhUCBZKY2
ハッシュタグ #SLIM月着陸ライブ でメッセージお待ちしてます📣
高精度ピンポイント着陸に挑むSLIMとプロジェクトメンバーに、ご声援をどうぞよろしくお願いします✨#SLIM #JAXA #月着陸 pic.twitter.com/exm158fs9n
क्या काम करेगा स्नाइपर?
जापान के मून मिशन स्नपाइर का सबसे बड़ा उद्देश्य चंद्रमा पर बने गड्ढों की जांच करना है। जिसे साइंस की भाषा में शिओली क्रेटर कहते हैं। ये चंद्रमा के सी ऑफ नेक्टर हिस्से में हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां पर ज्चालामुखी फटा था। स्नाइपर जांच करेगा कि चंद्रमा का निर्माण कैसे हुआ। इस मिशन पर 102 मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं। टीम लैंडर द्वारा प्राप्त सभी वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करने के लिए भी काम कर रही है।
लैंडर से निकले दो रोवर्स
स्नाइपर मून मिशन में लैंडर के साथ दो रोवर्स हैं। LEV-1 और LEV-2। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, LEV-1 रोवर एक होपिंग सिस्टम का उपयोग करके चलता है। इसमें हाई टेक्नोलॉजी वाले लाइट कैमरे, एंटेना लगे हैं। से पृथ्वी के साथ कम्युनिकेशन स्थापित कर सकता है। LEV-2 में भी कैमरों लगे हैं। यह चंद्रमा की सतह पर जाने के लिए आकार बदल सकता है। टीम को LEV-1 से सिग्नल मिल रहा है।
मिशन स्नाइपर ने पिन पॉइंट लैंडिंग की है। इसका मतलब है कि पहले से फोकस एरिया में ही स्पेसक्रॉफ्ट अध्ययन करेगा। यह अपने आसपास के 100 मीटर क्षेत्र की जांच करेगा। इस लैंडर का वजन 200 किलो है। लंबाई 2.4 मीटर और चौड़ाई 2.7 मीटर है। इसमें बेहतरीन रडार, लेजर रेंज फाइंडर और विजन बेस्ट नेविगेशन सिस्टम लगे हैं।