Kenya Parliament Protest: केन्या में मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने उम्र विरोध करते हुए संसद पर धावा बोलने की कोशिश की। इस दौरान उन्हें रोकने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान कम से कम पांच प्रदर्शनकारियों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए। केन्या में लोग टैक्स बढ़ोतरी से परेशान हैं और सरकार के खिलाफ विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। जबकि अफ्रीकी देश में पहले से ही महंगाई को लेकर जीवन यापन करना मुश्किल है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति विलियम रूटो के इस्तीफे की मांग की है।
संसद के बाहर तनावपूर्ण हालात बने
- प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने सुरक्षा घेरा तोड़कर संसद परिसर में धुसने की कोशिश की और संसद भवन के कुछ हिस्सों में आग लगा दी। इससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहले आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, लेकिन जब यह कारगर नहीं हुआ, तो उन्होंने गोलियां चलाईं।
- रॉयटर्स के पत्रकार ने संसद के बाहर कम से कम पांच शवों को गिना है। पैरामेडिक विवियन अचीस्ता ने बताया कि कम से कम 10 लोगों को गोली मारी गई है। एक अन्य पैरामेडिक रिचर्ड नगुमो ने बताया कि गोलीबारी में 50 से अधिक लोग घायल हुए।
क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें?
संसद में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारी डेविस तफरी ने बताया कि हम संसद को बंद करना चाहते हैं और हर सांसद को इस्तीफा देना चाहिए। हमारे पास एक नई सरकार होगी। देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन और झड़पें हुईं। तटीय शहर मोम्बासा, किसुमु, और गरिसा में भी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ। संसद ने वित्त विधेयक को मंजूरी दी, जो अब तीसरे चरण में है और राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। अगर राष्ट्रपति के पास कोई आपत्ति है, तो वह इसे संसद वापस भेज सकते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि टैक्स बढ़ोतरी से उनकी पहले से ही कठिन जीवन यापन की स्थिति और खराब हो जाएगी।
रूटो का कार्यकाल और प्रदर्शनकारियों का गुस्सा
- राष्ट्रपति रूटो ने करीब दो साल पहले चुनाव जीता था, जिसमें उन्होंने गरीबों का समर्थन करने का वादा किया था। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और अन्य ऋणदाताओं के दबाव में उन्हें बजट घाटे को कम करने के लिए टैक्स बढ़ोतरी का सहारा लेना पड़ा।
- नैरोबी और अन्य शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे, जिससे एक ऑनलाइन, युवाओं द्वारा संचालित आंदोलन ने जोर पकड़ा। रूटो ने पहले प्रदर्शनकारियों की प्रशंसा की थी, लेकिन अब स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
केन्या में विपक्ष का क्या रुख है?
विपक्ष ने संसद में मतदान का बहिष्कार किया और विरोध में नारे लगाए। वित्त मंत्रालय का कहना है कि संशोधित बिल से 2024/25 के बजट में 200 बिलियन केन्याई शिलिंग का घाटा हो जाएगा, जिससे सरकार को खर्च में कटौती या कहीं और टैक्स बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। प्रदर्शनकारी हुसैन अली ने कहा, "वे भ्रष्टाचार के लिए बजट बना रहे हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे। यह सरकार पीछे हटेगी, हम नहीं।"