Maldives Defence Minister Confession: मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून (Ghassan Maumoon) के एक कबूलनामे के बाद से उनके देश की किरकिरी हो रही है। मौमून ने कबूल किया है कि अभी मालदीव के पास भारत से मिले प्लेन और हेलिकॉप्टर उड़ाने के लिए एक भी पायलट नहीं है। घासन मौमून ने शनिवार को मालदीव राष्ट्रपति कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह दावा किया। मालदीव को भारत सरकार से दान में दो हेलिकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान में मिले हुए हैं।

भारतीय सैनिक कर रहे थे हेलिकॉप्टर्स और विमानों की देखरेख
9 मई तक इन हेलिकॉप्टरों और विमानों को उड़ाने का काम मालदीव में तैनात भारतीय सैनिक कर रहे थे। हालांकि, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की वजह से 10 मई को सभी भारतीय सैनिक वापस अपने देश लौट आए। इसी बारे में जब एक पत्रकार ने मालदीव के रक्षा मंत्री मामून से पूछा कि अभी भारत से मिले डोर्नियर प्लेन और हेलिकाॅप्टर कौन उड़ा रहा है, तो मौमून ने कहा कि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के पास कोई मालदीव सैनिक नहीं है जो भारतीय सेना द्वारा दान किए गए तीन विमानों को उड़ा सके।

मालदीव अपने कुछ नागरिकों को हेलिकॉप्टर उड़ाने की देगी ट्रेनिंग
मौमून ने कहा कि भारत के साथ हुए समझौते के तहत मालदीव के कुछ सैनिकों को इन हेलिकॉप्टर्स और डोर्नियर विमान को उड़ाने की ट्रेनिंग दी गई थी। हालांकि, अलग-अलग कारणों से हमारे सैनिक इन्हें उड़ाना नहीं सीख सके। अब इन विमानों की देखरेख करने वाले भारतीय सैनिक लौट चुके हैं। हेलिकॉप्टर और विमान की देखरेख का काम भारत के  सिविलियन्स कर रहे हैं। इसके लिए भी भारत के साथ समझौता किया गया है। इस समझौते के तहत भी मालदीव के स्थानीय नागरिकों को इन हेलिकॉप्टर और विमान को ट्रेंड करने का प्रावधान शामिल है। 

आखिर क्यों ट्रेंड नहीं हो सके मालदीव के सैनिक?
मौमून ने कहा कि हेलिकॉप्टर और डोर्नियर विमान को उड़ाने की ट्रेनिंग के दौरान कई स्टेज को पार करना जरूरी था। हमारे सैनिक विभिन्न कारणों से इन सभी स्टेज को पूरा नहीं कर पाए। इसलिए हमारी सेना में फिलहाल ऐसा एक भी शख्स नहीं है जिसके पास दो हेलिकॉप्टर और डोर्नियर प्लेन को उड़ाने के लिए लाइसेंस प्राप्त हो। घासन मौमून के इस बयान को लोेकल न्यूज वेबसाइट Adhadhu.com ने पब्लिश किया है।

भारत के डॉक्टर्स देते रहेंगे मालदीव में अपनी सेवाएं
हालांकि, मालदीव सरकार ने कहा है कि देश के सेनहिया आर्मी हॉस्पिटल में सर्विस दे रहे भारतीय डॉक्टर्स को फिलहाल उनके देश वापस भेजने का कोई इरादा नहीं है। बता दें कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और अब्दुल्ला यामीन की सरकारों के दौरान भारत से कुल दाे हेलिकॉप्टर दान में मिले थे। वहीं, भारत ने डोर्नियर विमान मालदीव को इसके पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार के दौरान डोनेट किया था। 

चीन के समर्थक माने जाते हैं मालदीव के राष्ट्रपति
मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है। मुइज्जू समय समय पर अपने चीन प्रेम का राग अलापते रहते हैं। आम तौर पर मालदीव की यह परंपरा रही है कि जब कोई राष्ट्रपति बनता है तो वह पहले आधिकारिक दौरे पर भारत आता रहा है। हालांकि, चीन प्रेमी मुइज्जू ने ऐसा नहीं किया। वह अपने पहले आधिकारिक दौरे पर चीन गए। मुइज्जू अपने दौरे पर चीन के साथ कई परियोजनाओं को लेकर समझौता भी कर पाए। मुइज्जू मालदीव की सत्ता में इंडिया आउट का नारा देकर आए थे। 

भारत और मालदीव के संबंधों में आ चुका है तनाव
इस साल की शुरुआत में मुइज्जू समर्थक कुछ मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद भारत मेंं इसका व्यापक विरोध हुआ था। भारत के लोगों ने मालदीव के टिकट कैंसल कराने शुरू कर दिए। चूंकि मालदीव की पूरी इकोनॉमी ही टूरिज्म पर आधारित है। मालदीव पहुंचने वाले पर्यटकों में सबसे ज्यादा भारत के  पर्यटक होते हैं। ऐसे में जब इंडियन पर्यटकों की संख्या कम हो गई तो मालदीव ने एक बार फिर से डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश शुरू कर दी है।