Maldives Parliamentary Elections: मालदीव में आज, रविवार (21 अप्रैल) को संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। मालदीव में संसद को मजलिस कहा जाता है। संसद की 93 सीटें हैं, जिन पर 368 उम्मीदवार मैदान में हैं। जनता सांसदों को चुनने के लिए मतदान कर रही है। द्वीप देश मालदीव में राष्ट्रपति और सांसदों के चुनाव अलग-अलग होते हैं। दोनों को जनता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुनती है। संसदीय चुनाव के लिए भारत में भी तीन बूथ बनाए गए हैं।
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह चुनाव उनके 6 महीने के कार्यकाल की असली परीक्षा है। मुइज्जू सितंबर 2023 में इंडिया आउट कैंपेन चलाकर देश के राष्ट्रपति बने थे। उनके इसी कैंपेन के चलते मालदीव और भारत के रिश्ते बिगड़ चुके हैं।
मुइज्जू चीन समर्थक हैं। मुइज्जू की नीतियों पर भारत और चीन की गहरी नजर है। दोनों देश मालदीव में पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि मालदीव का हिंद महासागर में एक रणनीतिक स्थान है।
12 बजे 32.75 प्रतिशत मतदान
मालदीव चुनाव आयोग के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजे तक 32.75 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। चुनाव में राष्ट्रपति मुइज्जू और कई अन्य शीर्ष नेताओं ने वोट डाला। चुनाव के नतीजे सोमवार तक आने की उम्मीद है।
मालदीव चुनाव से जुड़े अहम फैक्ट्स
- दोपहर 12 बजे तक मतदान प्रतिशत 32.75 प्रतिशत रहा।
- समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, छह राजनीतिक दल और स्वतंत्र समूह संसद की 93 सीटों के लिए 368 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इस बार पिछली संसद की तुलना में छह सीटें अधिक हैं।
- लगभग 284,000 मतदाता हैं, जो वोटिंग में हिस्सा लेंगे।
- रविवार के मतदान से मुइज्जू के राष्ट्रपति पद पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- इससे पहले, राष्ट्रपति की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने मतदाताओं से ऐसा बहुमत चुनने के लिए कहा था जो उनके राष्ट्रपति अभियान के वादों को तेजी से पूरा करेगा।
- इन चुनावों में मुख्य दावेदार पीएनसी और विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) हैं।
- विपक्षी दल, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था सहित क्षेत्रों में मुइज़ू सरकार की आलोचना कर रहे हैं। बहुमत की मांग कर रहे हैं जो उनकी सरकार को जवाबदेह ठहरा सके।
कुल 368 उम्मीदवार, सबसे ज्यादा निर्दलीय
पार्टी | उम्मीदवार |
पीएनसी | 90 |
एमडीपी | 89 |
निर्दलीय | 130 |
कुल उम्मीदवार | 368 |
अगर मुइज्जू की पार्टी जीती तो क्या होगा?
चुनाव में अगर राष्ट्रपति मोइज्जू की पार्टी जीतती है तो मालदीव में अगले 5 साल चीन समर्थक सरकार रहेगी। वहीं, अगर विपक्ष कामयाब होता है तो मुइज्जू को संसद में बिल पास कराने और इंडिया आउट पॉलिसी को आगे बढ़ाने में संसद में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।