Haj Pilgrimage: भारत समेत खाड़ी देशों में भीषण गर्मी लोगों पर कहर बनकर टूट रही है। सऊदी अरब में हज यात्री गर्मी के जान गंवा रहे हैं। पिछले दो-तीन दिन में 19 लोगों की मौत हुई। इनमें 14 जॉर्डन और 5 ईरान के हैं। जॉर्डन ने कहा कि उसके नागरिकों की मौत भीषण गर्मी और लू के कारण स्ट्रोक से हुई है, जॉर्डन के 17 लोग अभी लापता हैं। मक्का में सोमवार को टेम्परेचर 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है।
सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी
न्यूज एजेंसी एएफपी ने बताया कि सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ रही है। जॉर्डन और ईरान ने अपने नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। ये सभी लोग भीषण गर्मी के कारण स्ट्रोक से पीड़ित थे। जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह मृतकों को या तो सऊदी अरब में दफनाने या उन्हें जॉर्डन लाने के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ संपर्क में है। ईरान ने बताया कि हज यात्रा के दौरान उसके 5 नागरिकों की जान चली गई। हालांकि, उन्होंने मौत के पीछे की वजह नहीं बताई।
रविवार को 2760 हज यात्री गर्मी से हलकान हुए
दूसरी ओर, सऊदी अरब सरकार ने हज यात्रियों की मौतों को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सऊदी हेल्थ मिनिस्ट्री के प्रवक्ता मोहम्मद अल-अब्दुलअली ने मीडिया को बताया कि रविवार को 2,760 से ज्यादा तीर्थयात्री भीषण गर्मी और लू से पीड़ित हुए थे। मक्का में इस हफ्ते तापमान 46C (114.8F) से ज्यादा हो चुका है, जिससे बाहर और पैदल किए जाने वाली रस्में बुजुर्गों के लिए चुनौती बन गई हैं। मौसम केंद्र ने मक्का और मदीना में इस बार 1.5 से 2 डिग्री पारा बढ़ने की बात कही थी। दोनों शहर पांच दिवसीय हज यात्रा के सेंटर में हैं।
एडवाइजरी: सुबह 10 से 16 बजे के बीच बाहर न निकलें
- सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि माउंट अराफात के पास एक मेडिकल सेंटर में गर्मी से तबीयत बिगड़ने के 225 मामले सामने आए। तीर्थयात्रा बुधवार को खत्म होगी। अधिकारी यात्रियों को गर्मी से बचने के उपाय बता रहे हैं। तीर्थयात्रियों को हाइड्रेटेड रहने और दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान 10 से 16 बजे के बीच बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है।
- बता दें कि हज यात्रा में भगदड़ और तम्बू में आग लगने समेत कई घातक आपदाओं का इतिहास रहा है। लेकिन ज्यादातर सालों में मुख्य चुनौती भीषण गर्मी से आती है। पिछले साल कम से कम 240 लोगों की मौत हुई थी और सबसे खराब हज आपदा में 2015 में एक घातक क्रश ने 2,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।