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Women Employment Report: वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में महिलाओं के रोजगार को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। इसमें बताया गया है कि एक-तिहाई महिलाएं जॉब क्यों छोड़ देती हैं?

Women Employment Report: महिलाओं के रोजगार को लेकर वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट सामने आई है। इसमें दावा किया गया है कि शादी के बाद नौकरी करने वाली महिलाओं की संख्या में बड़ी गिरावट आई है। वर्किंग वीमेन के लिए शादी सजा बन रही है, जिसके चलते उन्हें नौकरी तक छोड़नी पड़ती है।

वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि शादीशुदा पुरुष का नौकरी करना अच्छा माना जाता है और अच्छी नौकरी करने पर उसकी तारीफ होती है। लेकिन शादीशुदा महिला का नौकरी करना समाज में अच्छा नहीं माना जाता। अधिकांश परिवार अपनी नई-नवेली बहू को नौकरी नहीं करने देते। नौकरी करने वाली बहू की शादी के बाद ससुराल पक्ष के लोग नौकरी तक छुड़वा देते हैं। इस कारण से भी महिलाओं की नौकरी करने की दर में लगातार गिरावट आ रही है।

पुरुषों को मिलती है तवज्जो
वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, शादी के बाद महिलाओं की रोजगार दर में 12 प्रतिशत की गिरावट आती है, भले ही उनके बच्चे न हों। महिलाओं के रोजगार में यह गिरावट लगभग एक तिहाई है। जबकि शादी के बाद पुरुषों की जॉब करने की दर में 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 

बच्चों की देखभाल के लिए छोड़ने पड़ती है नौकरी 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और मालदीव में बिना बच्चों वाली महिलाओं के बीच शादी से जुड़े मानदंड शादी के 5 साल बाद तक बने रहते हैं। वहीं दूसरी ओर महिलाओं को बच्चों की जिम्मेदारी से जोड़कर भी देखा जाता है। ऐसे में बच्चों की देखभाल के लिए महिलाओं को जॉब छोड़नी पड़ती है।

दक्षिण एशिया में भी गिरावट
महिलाओं के रोजगार दर में गिरावट केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में देखी गई है। रिपोर्ट बताती है कि दक्षिण एशिया में महिलाओं की नौकरियों और विकास पर ध्यान केंद्रित करने के बाद भी उनके रोजगार दर में गिरावट देखने के लिए मिल रही है। साल 2023 में दक्षिण एशिया में केवल 32% कामकाजी आयु की महिलाएं जॉब कर रही थीं। वहीं पुरुषों की रोजगार दर 77% थी। ऐसे में महिलाओं की भागीदारी काफी कम देखने को मिली। 

महिला श्रम बढ़ने से जीडीपी ग्रोथ संभव
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर महिलाओं के लिए श्रम शक्ति भागीदारी दर पुरुषों के बराबर बढ़ा दी जाए तो जीडीपी में तेजी आ जाएगी। रिपोर्ट कहती है कि ऐसा करने पर दक्षिण एशिया का क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 13 से 51% अधिक हो जाएगा।

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