Mozambique Violence:मोजाम्बिक में चुनावी विवाद ने भयावह रूप ले लिया है। देश की सुप्रीम कोर्ट ने सत्तारूढ़ फरेलिमो पार्टी के उम्मीदवार डेनियल चापो की जीत को वैध ठहरा दिया। इसके बाद से देश में व्यापक हिंसा भड़क गई है। हिंसा में अब तक दो पुलिसकर्मियों समेत 21 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी मापुटो और बेइरा शहर में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प जारी
कई जगह दुकानों को आग के हवाले कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। हिंसा में अब तक इस साल अक्टूबर में मोजाम्बिक में चुनाव हुए थे। चुनाव के बाद से ही फैसले को लेकर विपक्षी पार्टियां ऐतराज कर रहीं थीं। अब हालात बेकाबू हो गए हैं। मंगलवार रात तक राजधानी मापुटो में हालात तनावपूर्ण थे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें जारी हैं।
11 पुलिस चौकियों पर प्रदर्शनकारियों का हमला
मोजाम्बिक के गृह मंत्री पास्कल रोंडा ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हुई हिंसा में 21 लोगों की जान गई। इनमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। 236 से अधिक हिंसक घटनाएं दर्ज की गईं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों और सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाया। 25 गाड़ियां जला दी गईं, जिनमें दो पुलिस वाहन भी थे। इसके अलावा, 11 पुलिस चौकियों और एक जेल पर भी प्रदर्शनकारियों ने धावा बोला और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
50 से ज्यादा घायल, कई लोगों को लगी गोली
हिंसा के दौरान कम से कम 50 लोग घायल हुए। इनमें कई को गोली लगी। मापुटो सेंट्रल अस्पताल में घायलों का इलाज चल रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकियों, गैस स्टेशनों, और बैंकों को निशाना बनाया। इन जगहों पर पहुंचकर तोड़फोड़ और आगजनी की।
विपक्षी नेता मोंडलाने के समर्थक सड़कों पर उतरे
यह हिंसा विपक्षी नेता वेनांसीयो मोंडलाने के समर्थकों द्वारा शुरू की गई। मोंडलाने ने 24% वोट हासिल किए, जबकि डेनियल चापो को 65% वोट मिले। मोंडलाने ने चुनाव के नतीजों में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया। इसके बाद मोंडलाने ने सोशल मीडिया के जरिए अपने समर्थकों से चुनाव में हुए धांधली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अपील की। समर्थकों से कहा कि वह "मुश्किल दिनों" की तैयारी करें। इसके बाद मोंडलाने के समर्थक सड़कों पर उतर आए, तोड़फोड़ और आगजनी करने लगे।
सुरक्षा बलों पर लगे बल प्रयोग के आरोप
मानवाधिकार संगठनों और नागरिक समाज ने मोजाम्बिक की सुरक्षा बलों पर हिंसा रोकने में जरूरत से ज्यादा बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। चुनाव के बाद से मोजाम्बिक में लगातार हिंसा हो रही है। अक्टूबर के बाद से देश में भड़की हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा अब 130 से ज्यादा हो चुका है। मानव अधिकार संगठनों ने सरकार से संयम बरतने की अपील की है।
दक्षिण अफ्रीका ने की शांति बनाए रखने की अपील
दक्षिण अफ्रीका ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की। दक्षिण भारत ने मोजाम्बिक को वार्ता के लिए समर्थन देने की पेशकश की। दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह क्षेत्रीय संगठनों और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ समाधान खोजने के लिए काम कर रहा है।
चुनावी फैसले ने क्यों भड़काई हिंसा?
मोजाम्बिक के संवैधानिक परिषद ने सोमवार को डेनियल चापो की जीत को वैध ठहराया। हालांकि, उनकी जीत का अंतर 71% से घटाकर 65% कर दिया गया। इससे विपक्ष के समर्थक आक्रोशित हो गए। प्रदर्शन सोमवार रात से शुरू हुए और मंगलवार को और तेज हो गए। वेनांसीयो मोंडलाने ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपने समर्थकों से विरोध जारी रखने की अपील की। उन्होंने लिखा, "इतिहास कांटों और कठिनाइयों से भरा होता है, लेकिन जीत निश्चित है।" उनके इस बयान के बाद देश भर में उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए।