Nawaz Sharif: पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने पर जोर दिया है। उन्होंने एस जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा को दोनों देशों के बीच रिश्तों को बेहतर करने का एक सकारात्मक कदम बताया। शरीफ ने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों को अब बीती बातों को भुलाकर भविष्य की ओर देखना चाहिए। यह बयान तब आया है जब जयशंकर ने नौ साल बाद पहली बार पाकिस्तान का दौरा किया था।

जयशंकर के दौरे से भारत-पाक संबंधों में आ सकता है सुधार
एस जयशंकर का शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान दौरा कई वर्षों बाद हुआ। नवाज शरीफ ने इसे एक सकारात्मक पहल बताया और कहा कि दोनों देशों को अब अपने मतभेदों को दूर कर बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान को अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए। दोनों देशों को 70 साल की कड़वाहटों को खत्म करने की जरूरत है।

रिश्ते बिगाड़ने में इमरान खान की भूमिका अहम
नवाज शरीफ ने इमरान खान पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके द्वारा दिए गए बयान दोनों देशों के रिश्तों में खटास का कारण बने। शरीफ ने कहा कि नेताओं को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए जो देश के संबंधों को प्रभावित करें। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने 2018 में दिए अपने बयानों से भारत और पाकिस्तान के बीच की कड़वाहट को और बढ़ाया।

व्यापार और क्रिकेट को फिर से शुरू करें
नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और क्रिकेट को फिर से शुरू करने की वकालत की। उनका मानना है कि ये दोनों गतिविधियां दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मिलकर नए रास्ते तलाशने चाहिए जिससे संबंधों में सुधार हो। व्यापारिक संबंध 2019 में पुलवामा हमले के बाद से बंद हैं। 

शरीफ ने की पीएम मोदी की सराहना
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पीएम नरेंद्र मोदी की 2015 की लाहौर यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम थी। हालांकि, वह इस बात से नाराज थे कि उसके बाद दोनों देशों के बीच लंबा अंतराल आ गया। शरीफ ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि दोनों देश इस लंबे अंतराल को खत्म करें और फिर से संवाद शुरू करें।

भारत-पाक संबंधों को नई दिशा देने की अपील
नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच 70 साल से चली आ रही लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि अब इस लड़ाई को आगे बढ़ने नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक बार फिर से बातचीत शुरू करनी चाहिए ताकि आने वाले सालों में शांति और समृद्धि का माहौल बन सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पड़ोसी देशों को हमेशा एक-दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहिए।