Bangladesh Interim Government Oath: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण के दौरान उन्होंने कहा, "मैं संविधान का पालन करूंगा और अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाऊंगा। बता दें कि अब बांग्लादेश में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि देश ने हाल ही में कई हिंसक घटनाओं का सामना किया है, जिनके कारण शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हैं मोहम्म्द युनूस
मोहम्मद यूनुस को 2006 में माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यूनुस ने हाल ही में पेरिस से लौटे हैं। ढाका लौटते ही यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहाबुद्दीन ने उन्हें बंग भवन में शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी युनूस को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बनने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उम्मीद है कि अब बांग्लादेश में जल्द शांति और स्थिरता बहाल होगी। खासकर बांग्लादेश के हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
अंतरिम सरकार के सलाहकार परिषद का गठन
मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई गई है। यह प्रधानमंत्री के समकक्ष पद माना जाता है। सरकार चलाने में युनूस की मदद 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद करेगा। इस परिषद में,नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद जैसे अहम छात्र नेता शामिल हैं। इन छात्र नेताओं ने ही शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाने में अमह भूमिका निभाई है। इस परिषद में मानव अधिकार कार्यकर्ता, महिला अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व विदेश सचिव जैसे सदस्य शामिल हैं।
अंतरिम सरकार के 13 सदस्यों ने भी ली शपथ
मोहम्मद युनुस के अलावा, अंतरिम सरकार में सालेह उद्दीन अहमद, डॉ. आसिफ नज्रुल, अदिलुर रहमान खान, हसन अरिफ, तौहीद हसन, सईदा रिजवाना हसन, फरीदा अख्तर, खालिद हुसैन, छात्र नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद, शखावत हुसैन, सरपोदिप चकमा, बिधान रंजन रॉय, नूरजहां बेगम, शरमिन मुशिद और फारूक-ए-आजम शामिल हैं। इनमें से सरपोदिप चकमा, बिधान रंजन रॉय और फारूक-ए-आजम को छोड़कर बाकी 13 सदस्यों ने आज राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। बाकी तीन सदस्यों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी।
बांग्लादेश में जारी है हिंसा और लूटपाट का दौर
बता दें कि बांग्लादेश में 7 जनवरी को हुए आम चुनाव के बाद से ही अशांति का माहौल था। इस चुनाव में शेख हसीना की पार्टी ने जीत हासिल की थी। हालांकि, यह चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं माना गया। जून में छात्रों के नेतृत्व में प्रदर्शनों की नई लहर शुरू हुई। इस आंदोलन में अब तक 450 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भी हिंसा जारी है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।