पहलगाम हमला: भारत-पाक के बीच बढ़ा तनाव; 53 साल पुराना शिमला समझौता रद्द, एयर स्पेस और व्यापार बंद करने का ऐलान

Pakistan NSC meeting
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पहलगाम हमला: भारत-पाक के बीच बढ़ा तनाव; 53 साल पुराना शिमला समझौता रद्द, कराची में मिसाइल परीक्षण का ऐलान।
Shimla Agreement Cancel: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता वाली नेशनल सिक्योरिटी कमेटी में गुरुवार (24 अप्रैल) को शिमला समझौता रद्द कर दिया। बुधवार को भारत ने भी सिंधु जल समझौता रद्द किया था।  

Shimla Agreement Cancel: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता वाली नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) बैठक में गुरुवार (24 अप्रैल) को कड़े फैसले लिए गए हैं। पाक प्रधानमंत्री ने 1972 का हुआ शिमला समझौता रद्द करने और दोनों देशों के बीच सभी व्यापारिक समझौते रद्द करने का ऐलान किया है। बुधवार को भारत ने सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, भारत ने अगर सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा। पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को मिसाइल परीक्षण के लिए अधिसूचना भी जारी की है।

पाकिस्तान की NSC बैठक में यह फैसले लिए गए

  • पाकिस्तान ने SAARC SVE के तहत सभी वीजा निलंबित किए।
  • सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर अन्य भारतीय नागरिकों को 48 घंटे में पाकिस्तान छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है।
  • भारत के साथ सभी व्यापार निलंबित कर भारतीय एयरलाइनों की हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।
  • वाघा बॉर्डर भी बंद कर दिया।

क्या है शिमला समझौता?
भारत और पाकिस्तान के बीच 2 जुलाई 1972 को शिमला में एक करार हुआ था। जिसे शिमला समझौता (Shimla Agreement)नाम दिया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाक तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने इसमें साइन किए थे। 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुए इस समझौते में भारत ने पाकिस्तान की 13 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन वापस कर बंदी बनाए गए 90,000 से ज्यादा सैनिकों को रिहा किया था।

शिमला समझौते की मुख्य बातें

  • दोनों देश आपसी विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाएंगे और युद्ध या बल का प्रयोग नहीं करेंगे।
  • दोनों देश सभी मुद्दों को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए सुलझाएंगे। किसी तीसरे देश या संस्था की मध्यस्थता नहीं होने दी जाएगी।
  • 1971 के युद्ध में कब्जा किए गए क्षेत्र की वापसी और बंदी बनाए गए सैनिकों को छोड़ने का पर सहमति बनी थी।
  • दोनों देशों के बीच 1949 में तैयार की गई युद्ध विराम रेखा को नए नाम यानी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) दिया गया।
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