Pakistan naval air station: पाकिस्तान से बड़ी खबर है। ब्लूचिस्तान में देश के दूसरे सबसे बड़े नौसैनिक (नेवल) हवाई स्टेशन पर बड़ा हमला हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह हमला ब्लूचिस्तान के तुर्बत में पीएनएस सिद्दीकी नेवल एयर स्टेशन पर हुआ है। असलहों से लैस लड़ाकों ने स्टेशन को निशाना बनाते हुए हमला किया। क्षेत्र में कई विस्फोट होने की सूचना मिली है।
हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की माजिद ब्रिगेड ने ली है। मजीद ब्रिगेड बलूचिस्तान प्रांत में चीन के निवेश का विरोध करती है। साथ ही यह भी आरोप लगाती है कि चीन और पाकिस्तान उसके क्षेत्र के संसाधनों का शोषण कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को इमरजेंसी पर रखा गया
द बलूचिस्तान पोस्ट के मुताबिक बीएलए का दावा है कि उसके लड़ाके एयरबेस में घुस गए हैं। इसके अलावा, इस बेस पर चीनी ड्रोन भी तैनात हैं। हमले के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी केच ने टीचिंग हॉस्पिटल तुर्बत में इमरजेंसी लगा दी है। सभी डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया गया है।
20 मार्च को 8 आतंकी हुए थे ढेर
तुर्बत में हमला बीएलए मजीद ब्रिगेड द्वारा सप्ताह का दूसरा और इस साल का तीसरा हमला है। इससे पहले 29 जनवरी को इसने ग्वादर में सैन्य खुफिया मुख्यालय माच शहर को निशाना बनाया था। इसके बाद 20 मार्च को इसने तुर्बत में पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नौसेना एयरबेस पर हमला किया।
20 मार्च को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में हमला हुआ था। गोलीबारी और धमाकों में दो पाकिस्तानी सैनिक और आठ आतंकवादी मारे गए थे। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने एक बयान में बताया कि आठ आतंकवादियों के एक समूह ने पोर्ट अथॉरिटी कॉलोनी में प्रवेश करने का प्रयास किया। लेकिन सुरक्षा बलों के जवानों ने उन्हें विफल कर दिया।
ग्वादर बंदरगाह, चीन द्वारा नियंत्रित है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें अरबों डॉलर की सड़कें और ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं और यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का भी हिस्सा है।
नवंबर 2020 से युद्धविराम हुआ खत्म
प्रतिबंधित आतंकवादी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने नवंबर 2022 में सरकार के साथ अपना युद्धविराम समाप्त कर दिया था। इसके बाद से पाकिस्तान में खासकर पिछले साल से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में अचानक इजाफा हुआ है।