Pakistan New government formation: पाकिस्तान में आम चुनाव के पांच दिन बाद सरकार गठन का फॉर्मूला तय हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अगुवाई वाली PML-N ने सरकार बनाने के लिए दो पार्टियों के साथ गठबंधन किया है।बिलावल भुट्टो की अगुवाई वाली पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) ने नवाज की पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है।

नवाज ने खुद ही लिया पीएम न बनने का फैसला
हालांकि, सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह कि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री नहीं होंगे। पीएम पद के लिए नवाज शरीफ ने अपने भाई शहबाज शरीफ को नॉमिनेट किया है। पार्टी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए नॉमिनेट किया गया है। राष्ट्रपति का पद पीपीपी को देने पर सहमति बनी है। आसिफ अली जरदारी को पाकिस्तान का नया राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। 

PML-N नेता ने दी सरकार गठन की सूचना
PML-N की की सूचना सचिव मरियम औरंगजेब ने बुधवार को सरकार गठन के फॉर्मूले की जानकारी दी। मरियम औरंगजेब के मुताबिक खुद नवाज शरीफ ने इस बात का फैसला किया है वह पीएम नहीं बनेंगे। साथ ही अपने भाई को इस पद के लिए नामांकित किया। सरकार गठन से पूर्व एलाएंस में शामिल पार्टियों के बीच पावर शेयरिंग पर भी चर्चा चल रही है। इसके लिए गठबंधन में शामिल होने वाली सभी पार्टियों ने कमेटी गठित की है। 

पहले पीपीपी से नहीं बनी थी सहमति
नवाज शरीफ की पार्टी आम चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही लगातार सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी थी। हालांकि, पीपीपी के मुखिया बिलावल भुट्टो की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा था। आखिरकार मंगलवार को पीपीपी ने अपनी पार्टी की केंद्रीय कमेटी की बैठक बुलाई। इसके बाद ऐलान किया कि मेरे पास जनादेश कम है, इसलिए मैंने पीएम नहीं बनने का फैसला किया। बिलावल ने नवाज की पार्टी के साथ गठबंधन करने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही पाकिस्तान में नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया। 

किसी भी पार्टी को नहीं आया था स्पष्ट बहुमत
आम चुनाव के नतीजों में पाकिस्तान की किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इमरान के इंडिपेंडेंट कैंडिडेट्स ने सबसे ज्यादा  101 सीटें जीती। नवाज शरीफ की पार्टी ने 73 सीटों जीत हासिल कियया। बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी को 55 सीटों पर जीत हासिल करने में सफलता मिली। एमक्यूएम-पी ने 17 सीटें और दूसरी पार्टियों ने 17 सीटें जीतीं। चुनाव नतीजे  त्रिशंकु रहने की वजह से सरकार गठन में परेशानियों का सामना करना पड़ा।