Pakistan Parliamentary Elections: पाकिस्तान में गुरुवार, 8 फरवरी को आम चुनाव हैं। 342 सीटों की नेशनल एसेंबली के लिए हो रहे चुनाव में 44 राजनीतिक दल मैदान में हैं। पिछले चुनाव यानी 2018 में खेल से राजनीति में उतरने वाले पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने सरकार बनाई थी। इस बार 12.69 मतदाता वोटिंग करेंगे। इसके लिए चारों प्रांत में पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। फिलहाल इस चुनाव में सबकी निगाहें चार चेहरों पर टिकी हैं- नवाज शरीफ, ताकतवर सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, इमरान खान, शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो जरदारी।
आइए जानते हैं कि इन चुनावी खिलाड़ियों में कौन कितना ताकतवर है? उनका परफार्मेंस कैसा रहा है...
नवाज शरीफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग
बिजनेस ताइकून, करोड़पति और तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चुनावी मैदान में हैं। नवाज उन शीर्ष दो परिवारों में से एक हैं, जिन्होंने दशकों से पाकिस्तानी राजनीति पर अपना दबदबा बनाए रखा है। उनकी पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी ने 2007 और 2013 में शानदार जीत हासिल की। लेकिन 74 वर्षीय शरीफ ने कभी भी अपने पद पर कार्यकाल पूरा नहीं किया और हर बार उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया। एक बार सेना द्वारा, एक बार सुप्रीम कोर्ट द्वारा और एक बार राष्ट्रपति द्वारा नवाज शरीफ को पाकिस्तान की सत्ता से बाहर किया गया।
अन्य पाकिस्तानी पूर्व प्रधानमंत्रियों की तरह नवाज शरीफ भी कानूनी मामलों और जेल की सज़ाओं से जूझ रहे हैं। 2020 में एक पाकिस्तानी अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। लेकिन नवाज शरीफ लंदन भाग गए। तब अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित करने की धमकी दी थी।
पिछले साल अक्टूबर में देश लौटने के बाद अदालतों ने उनकी दोषसिद्धि और जेल की सजा को पलट दिया। उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी इमरान खान जेल में हैं। इसलिए उनकी राह आसान हो गई है।
सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर
पाकिस्तान की सेना का चुनाव पर खासा प्रभाव रहता है। हालांकि पर्दे के पीछे रहकर सियासी चालें चली जाती हैं। सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का भी काफी प्रभाव है। उन्होंने विदेशियों पर जमकर कार्रवाई की। पाकिस्तान में रहने वाले 1.7 मिलियन अफगानों को जनरल ने टारगेट किया। इस महीने की शुरुआत में जैसे को तैसा का उदाहरण देते हुए ईरान के अंदर जवाबी हवाई हमले किए।
इमरान सरकार की जाने में भी असीम मुनीर का हाथ, ऐसे आरोप लगते रहे हैं। इमरान खान को न सिर्फ जेल जाना पड़ा बल्कि उनकी पार्टी भी टूट गई।
इमरान खान, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी
एक पूर्व क्रिकेट स्टार से इस्लामवादी राजनेता बने इमरान खान ने 2018 के चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, जिसे जनता ने पसंद किया। लेकिन उनका प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल संकट से घिरा रहा। यह भी आरोप लगा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने में विफल रहे।
इमरान खान पर इस समय 150 से अधिक मामले दर्ज हैं। अब तक उन्हें तीन मामलों में अलग-अलग सजा हो चुकी है। अगस्त से वे जेल में हैं। उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है।
शहबाज शरीफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग
नवाज शरीफ के छोटे भाई, 72 वर्षीय शहबाज शरीफ अप्रैल 2022 में इमरान खान के बाद प्रधान मंत्री बने। वह पहले तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री थे। यहां प्रांत देश का सबसे बड़ा क्षेत्र है, जहां देश की 240 मिलियन की आधी आबादी का भी घर है। जब उनके भाई लंदन में थे, तब उन्होंने उनकी पार्टी का नेतृत्व किया और जब संसद में अविश्वास मत के कारण इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर दिया गया तो वह प्रधानमंत्री बन गए।
शरीफ के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान 2022 की गर्मियों में बारिश और अचानक बाढ़ की चपेट में आ गया। जिसमें 1,700 लोग मारे गए। उन्होंने अगस्त के अंत तक राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा नहीं की, जब मरने वालों की संख्या सैकड़ों में थी। महंगाई के कारण भुखमरी की कगार पर देश पहुंच गया।
पिछले अगस्त में पाकिस्तान के संविधान के अनुसार संसद को भंग कर दिया गया। इसके बाद शरीफ ने पद छोड़ दिया और चुनाव होने तक कार्यवाहक प्रधान मंत्री ने पदभार संभाला। यदि उनकी पार्टी गुरुवार को जीतती है, तो शरीफ अपने भाई के मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बिलावल भुट्टो जरदारी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी
पाकिस्तान के अगले प्रधान मंत्री के लिए सबसे कम उम्र के उम्मीदवार बिलावल भुट्टो-जरदारी हैं, जो पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे और देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधान मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के पोते हैं। जुल्फिकार भुट्टो ने 1970 के दशक में देश का नेतृत्व किया और सेना द्वारा उन्हें उखाड़ फेंका गया और मार डाला गया।
भुट्टो-जरदारी की मां और दादा दोनों को आज भी पार्टी समर्थकों के बीच बहुत सम्मान मिलता है। 2007 में उनकी मां की हत्या के बाद वे पार्टी के अध्यक्ष बने। उन्होंने 2018 में चुनाव जीता था और इमरान खान के प्रधान मंत्री पद से हटने के बाद विदेश मंत्री बने। उनकी पार्टी शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा हो सकती है।
चुनाव से जुड़ी अहम बातें
आबादी | 21.97 करोड़ |
वोटर्स | 12.69 करोड़ |
पुरुष वोटर्स | 6.85 करोड़ |
महिला वोटर्स | 5.84 करोड़ |
अल्पसंख्यक वोटर्स | 36 लाख |
हिंदू वोटर्स | 18 लाख |
पोलिंग बूथ | 90.67 हजार |