Pakistan Woman Attacked in Lahore: पाकिस्तान के लाहौर में एक महिला और उसके पति पर भीड़ ने हमला कर दिया। महिला अपने शौहर के साथ अचरा बाजार में एक होटल में खाना खाने पहुंची थी। उसने एक ऐसी ड्रेस पहनी थी, जिस पर अरबी शब्द लिखे थे। लोगों ने इसे कुरान की आयतें समझ लिया। भीड़ ने ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए उसे घेर लिया। थोड़ी देर में सैकड़ों लोग मौके पर जुट गए। गनीमत रही कि समय रहते एएसपी सैयदा शहरबानों नकवी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने डरी-सहमी महिला को होटल से बाहर निकालकर थाने लाईं। इससे महिला के साथ कोई अनहोनी से बच गई।
डरी-सहमी महिला होटल के कोने में दुबकी रही
घटना का वीडियो सामने आया है। उसमें देखा जा सकता है कि भीड़ ने महिला को घेर रखा है। महिला के चेहरे पर डर साफ दिख रहा है। वह होटल के एक कोने में बैठी है। भीड़ में से कुछ लोगों को यह कहते सुना जा सकता है कि ड्रेस पर प्रिंट अरबी शब्द कुरान की आयतें हैं। कुछ ने महिला को इस्लाम का मजाक उड़ाने वाली कहकर सरेआम गोली मार देने की बातें कह रहे हैं। एक स्थानीय पुलिसकर्मी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि महिला और उसका पति खरीदारी करने गए थे, जब भीड़ ने उससे अपनी पहनी हुई शर्ट उतारने को कहा।
पुलिसकर्मी की पहचान एएसपी सैयदा शहरबानो नकवी के रूप में की गई और पंजाब पुलिस ने घटना का एक वीडियो साझा किया है। जिसमें एएसपी की सराहना की गई, जो मौके पर मौजूद थीं और उन्होंने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। उन्हें महिला को भीड़ से दूर ले जाते देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया यूजर्स समर्थन में उतरे
एक एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि इस महिला को धर्म के नाम पर मार दिया गया होता, अगर इस एएसपी ने उसे समय पर नहीं बचाया होता। इस बीच, कई एक्स यूजर्स महिला के समर्थन में आए और दावा किया कि उसने जो ड्रेस पहनी थी उसमें सिर्फ अरबी शब्द थे और कुरान की आयतें नहीं थीं।
महिला ने मांगी माफी, कहा- दोबारा नहीं पहनूंगी ड्रेस
पंजाब पुलिस ने बताया कि महिला ने 25 फरवरी को अपने कपड़ों के लिए माफी मांग ली है। महिला को हिरासत में लिए जाने के बाद उसने माफी मांगते हुए कहा कि उसका किसी को नाराज करने का कोई इरादा नहीं था। जब महिला ने माफी मांगी तो उस वक्त वहां मौजूद एक मुस्लिम मौलवी ने कहा कि उसने दोबारा ड्रेस न पहनने का वादा किया है।
एएसपी ने कहा- महिला खुद मुसलमान, क्यों करेगी अपमान
एएसपी सैयदा ने बताया कि यह मामला नामसमझी से शुरू हुआ। महिला इससे काफी डर गई थी। महिला ने ऑनलाइन खरीदकर ड्रेस पहनी थी। उसका इरादा किसी को आहत करने का नहीं था। वह खुद एक मुसलमान है और कुरान का अपमान करने की सोच भी नहीं सकती।