Papa Ne War Rukwa Di : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के बीच भारत को एक अहम भूमिका में स्थापित कर दिया है। पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद भारत को वैश्विक मंचों पर एक रूस-यूक्रेन के बीच जंग में शांति दूत की भूमिका अदा करने वाले देश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि करीब तीन दशक के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन के दौरे पर पहुंचा था। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की कूटनीति की चर्चा हो रही है। मोदी समर्थक विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं, वहीं विपक्ष इस पलटवार पर चुप है।
पीएम मोदी के इस इस दौरे के जरिए यह दिखाया कि भारत सिर्फ अपने हितों को नहीं देखता, बल्कि दुनिया में शांति और स्थिरता की वकालत भी करता है। इस दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। लोग तरह-तरह के रिएक्शन्स दे रहे हैं।
सोशल मीडिया जुमला 'पापा ने वार रुकवा दी' चर्चा में
मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद सोशल मीडिया पर 'पापा ने वार रुकवा दी' (Papa Ne War Rukwa Di) का शोर मच गया। यह जुमला, लोकसभा चुनाव के दौरान एक मजाक समझा जा रहा था। विपक्षी पार्टियां यूक्रेन-रूस संघर्ष के बीच भारतीय छात्रों की वतन वापसी के बाद इस जुमले से पीएम मोदी पर तंज कस रहे थे। वहीं, अब पीएम मोदी के समर्थक उनकी कूटनीति की तारीफ के लिए इस जुमले का इस्तेमाल कर रहे है। लोग मोदी की यूक्रेन दौरे की तारीफ कर रहे हैं। इसे भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने वाला कदम मान रहे हैं।
देखें क्या कुछ कह रहे हैं सोशल मीडिया यूजर्स:
रूस और यूक्रेन के साथ भारत के संबंध
भारत का रूस के साथ रिश्ता बहुत पुराना और मजबूत है। शीत युद्ध के समय से ही रूस भारत का खास दोस्त रहा है। 1971 में हुए इंडो-सोवियत संधि (Indo-Soviet Treaty) के तहत दोनों देशों के बीच दोस्ती और सहयोग की बुनियाद रखी गई थी। वहीं, यूक्रेन के साथ भी भारत के अच्छे संबंध रहे हैं। खासकर रक्षा, शिक्षा और कृषि के क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा है। यही वजह है कि अब पापा ने वार रुकवा दी (Papa Ne War Rukwa Di) जैसे जुमलों का इस्तेमाल कर पीएम मोदी के समर्थक विपक्षियों पर निशाना साध रहे हैं।
रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत की भूमिका
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच भारत ने हमेशा संतुलित रुख अपनाया है। जहां पश्चिमी देश रूस पर दबाव बना रहे हैं, वहीं भारत ने हमेशा बातचीत और शांति की बात की है। मोदी सरकार ने रूस और यूक्रेन दोनों के साथ संबंध बनाए रखा है। इस दौरान मोदी ने दोनों देशों का दौरा भी किया, जो यह दर्शाता है कि भारत किसी भी तरह के अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुका है।
PM @narendramodi Arrives In Ukraine
— Soumyajit Pattnaik (@soumyajitt) August 23, 2024
PM Modi arrived at Kyiv Central Railway Station from Poland to begin his one-day visit to Ukraine
This is the first visit by an Indian Prime Minister to Ukraine since the country became a Sovereign Independent country in 1991
Before 1991,… pic.twitter.com/x0njqPuW4k
रूस और अमेरिका दोनों से संबंधों में संतुलन
मोदी की कूटनीति की खासियत यह है कि उन्होंने रूस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखते हुए भी अमेरिका के साथ संबंधों को कमजोर नहीं होने दिया। यह संतुलन साधना बहुत कठिन है, खासकर आज के समय में, जहां किसी एक देश के करीब जाने से दूसरे देश के साथ दूरियां बढ़ सकती हैं। मोदी ने भारत की आजादी और उसके राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी है।
विपक्ष की चुप्पी और मोदी की सफलता
मोदी की इस यात्रा के बाद विपक्ष, खासकर कांग्रेस, ने चुप्पी साध ली है। यह चुप्पी इसलिए भी खास है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान 'पापा ने वार रुकवा दी' जैसे जुमलों का खूब इस्तेमाल हुआ था। विपक्ष की यह चुप्पी इस बात का संकेत हो सकती है कि मोदी की कूटनीति को नकारात्मक रूप से आलोचना करना मुश्किल है, खासकर जब वह भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।