नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि वह पहले मिले सबूतों को देखेंगे। साथ ही यह भी कहा कि कुछ घटनाएं अमेरिका-भारत के संबंधों को पटरी से नहीं उतरने देंगी। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है।
प्रधानमंत्री ने ये बातें फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा कि अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है, तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है।
चरमपंथी समूहों की गतिविधियों पर जताई चिंता
विदेशों में स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में ये तत्व डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग हमारी साझेदारी का एक प्रमुख घटक रहा है। मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया एक दूसरे से जुड़ी होने के साथ-साथ एक दूसरे पर निर्भर भी है। यह वास्तविकता हमें यह मानने के लिए मजबूर करती है कि सभी मामलों पर पूर्ण सहमति सहयोग के लिए पूर्व शर्त नहीं हो सकती है।
अमेरिका ने लगाया था हत्या की साजिश रचने का आरोप
दरअसल, अमेरिका ने हाल ही में भारत पर अपने नागरिक और अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस के जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हत्या की साजिश का आरोप लगाया था। यह भी दावा किया मारने की साजिश रचने वाला भारत में एक अफसर के संपर्क में था। हालांकि वह किस अधिकारी के संपर्क में था, इसका खुलासा नहीं किया है। भारत ने पन्नूं को आतंकवादी करार दिया है। भारत ने स्वीकार किया कि उसे अमेरिका से इनपुट प्राप्त हुए हैं और इस मुद्दे की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की है।