Queen Margrethe Denmark: डेनमार्क की महारानी मारग्रेट द्वितीय (Queen Margrethe) ने डेनिश राजशाही इतिहास में नया रिकॉर्ड कायम किया है। उन्होंने 52 साल तक डेनमार्क की राजगद्दी पर बैठकर देश पर शासन किया। यह डेनमार्क में किसी राजा द्वारा किया गया सबसे लंबा शासन है। लेकिन अब उन्होंने अपनी मर्जी से राजगद्दी छोड़ दी है। उनके हटने के बाद उनके बेटे फ्रेडरिक नए राजा बन गए हैं। रानी मारग्रेट ने औपचारिक तौर पर अपने पदत्याग पर साइन कर दिए हैं। जिसके बाद डेनमार्क के प्रधानमंत्री ने कोपेनहेगन में क्रिश्चियनबोर्ग पैलेस की बालकनी पर फ्रेडरिक को नया राजा घोषित किया। 

फ्रेडरिक को बधाई देने और मारग्रेट को विदाई देने के लिए रविवार को हजारों लोग डेनिश राजधानी की सड़कों पर एकत्र हुए। महारानी मारग्रेट 900 सालों में स्वेच्छा से पद छोड़ने वाली पहली डेनिश रानी हैं। 

क्रिस्चियन्सबोर्ग बालकनी से बाहर आए नए राजा
रविवार को ठीक दोपहर 3 बजे, क्रिस्चियन्सबोर्ग बालकनी के दरवाजे खुले और नए राजा हाथ हिलाते हुए बाहर आए। बाहर खड़े हजारों लोगों ने भारी जय-जयकार कर उनका स्वागत किया। भीड़ में शामिल कुछ ने मुकुट पहने हुए थे, अन्य लोग शैंपेन पी रहे थे, लाल और सफेद झंडे लहरा रहे थे। इसके बाद सफेद कपड़ों में नई रानी मैरी और उनके साथ उनके चार बच्चे आए बालकनी में आए। राजा बनने के बाद अपने पहले भाषण में फ्रेडरिक ने अपनी अपनी मां, पत्नी और अपने परिवार को याद किया। फ्रेडरिक ने कहा कि मेरी आशा एक ऐसा राजा बनने की है जिस पर लोग गर्व करें। 

डेनमार्क की महारानी मारग्रेट ने नए साल की पूर्व संध्या पर पद छोड़ने का ऐलान कर दिया था। उनके इस फैसले पर लोग हतप्रभ थे। 

ये फोटो 4 मई 2020 की है। पीएम मोदी डेनमार्क गए थे, तब उनकी मुलाकात रानी मारग्रेट (काले रंग की पोशाक में) से हुई थी।

1849 से डेनमार्क में नहीं हुआ राज्याभिषेक
डेनमार्क के प्रोटोकॉल के अनुसार, 1849 में संविधान लागू होने के बाद से देश में एक बार भी राज्याभिषेक नहीं हुआ है। इसी परंपरा के तहत रानी मारग्रेट ने पदत्याग पत्र पर साइन किया। इसके साथ ही फ्रेडरिक को राजा बनाया गया। 

रानी मारग्रेट ने 31 साल की उम्र में सभाला था राज
महारानी मारग्रेट ने राजा फ्रेडरिक IX की मृत्यु के बाद 31 साल की उम्र में सिंहासन संभाला था। इस समय उनकी उम्र 83 साल है। हालांकि रानी ने पद छोड़ने का कारण नहीं बताया है। पिछले साल फरवरी में उनकी पीठ की सर्जरी हुई थी। माना जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने पद छोड़ बेटे को उत्तराधिकारी बनाया।