प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 23 सितंबर को यूएन में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' पर संबोधन दिया। पीएम मोदी ने यहां से कहा, 'जून 2024 में मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा विजय दिलाकर देश की सेवा करने का मौका दिया है। आज मैं इसी ह्यूमैनिटी की आवाज आप तक पहुंचाने के लिए आया हूं। अफ्रीकन यूनियन को नई दिल्ली समिट में जी-20 की स्थायी सदस्यता इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।'

पीएम मोदी ने कहा दोस्तों, जब हम ग्लोबल भविष्य की बात कर रहे हैं तो ह्यूमन एप्रोच सर्वप्रथम होनी चाहिए। सस्टेनेबल डेवलपमेंट को प्राथमिकता देते हुए हमें मानव कल्याण, फूड, हेल्थ सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। भारत में हमने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर यह दिखाया है कि 'सस्टेनेबल कैन बी सक्सेसफुल' और सफलता के इस अनुभव को हम ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने को तैयार हैं।'

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, वैश्विक शांति एवं विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में बदलाव आवश्यक हैं। REFORM IS THE KEY TO RELEVANCE. अफ्रीकन यूनियन को नई दिल्ली समिट में जी-20 की स्थायी सदस्यता इसी दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम था। वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए के लिए एक तरफ आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है तो दूसरी तरफ साइबर, स्पेस जैसे अनेक संघर्ष के नए-नए मैदान बनकर उभर रहे हैं।  

वैश्विक संस्थानों में बदलाव की है जरूरत है
पीएम ने कहा कि आज के समय में 'इन सभी विषयों पर मैं जोर देकर कहूंगा कि Global Action must match Global Ambition। मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं और वैश्विक शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता है। बदलाव प्रासंगिकता की चाबी है! G20 शिखर सम्मेलन में अफ़्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता का प्रयास इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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