Russia-Ukraine War: भारत ने बार फिर रूसी सेना में शामिल भारतीय नागरिकों की रिहाई की मांग की। यह मांग तब उठी जब केरल के बिनील बाबू (31) की यूक्रेन युद्ध में मौत हो गई। इसके साथ ही, इस यूद्ध में अब तक जान गंवाने वाले भारतीयों की संख्या 10 हो गई है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि हमने रूस के सामने इस मामले को मजबूती से उठाया है। रूस में भारतीय दूतावास लगातार वहां कार्यरत भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में है और हरसंभव मदद कर रहा है।
भारतीय नागरिकों को धोखे से भर्ती किया गया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई भारतीयों को भर्ती एजेंटों ने धोखा देकर रूसी सेना में भर्ती किया है। 2024 में, भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मुद्दे पर जांच शुरू की और 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस मामले में कई गिरफ्तारी भी हुई हैं।
असिस्टेंट स्टाफ के रूप में भर्ती किया गया है
रूस के रक्षा मंत्रालय ने अप्रैल 2024 में भारतीय नागरिकों की भर्ती पर रोक लगा दी थी, लेकिन कुछ भारतीय नागरिक अब भी रूस की सेना में सेवा दे रहे हैं। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि कई भारतीयों को धोखे से असिस्टेंट स्टाफ, जैसे रसोइये और सहायक के रूप में भर्ती किया गया था।
85 भारतीयों को किया गया था रिहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह मुद्दा दो बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उठाया। भारत ने रूस से 85 भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित की थी, जबकि 20 अन्य भारतीयों की रिहाई अभी भी लंबित है।
मृत नागरिक के पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी
भारत ने रूस से आग्रह किया है कि घायल भारतीय नागरिक को जल्द से जल्द भारत वापस भेजा जाए। इसके अलावा, मृत भारतीय नागरिक के पार्थिव शरीर को भारत लाने के प्रयास जारी हैं।
पीड़ित परिवारों के टच में भारतीय अधिकारी
भारत सरकार ने मृतक और घायल नागरिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह रूस में भारतीय दूतावास के माध्यम से हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।