S Jaishankar on India-China Relations: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में 'इंडिया, एशिया और द वर्ल्ड' कार्यक्रम में भारत-चीन संबंधों पर अहम बयान दिया। एस जयशंकर ने कहा कि जब तक सीमा पर शांति और सौहार्द बहाल नहीं होता, तब तक भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हो सकते। 2020 के गलवान घाटी संघर्ष ने दोनों देशों के बीच रिश्तों पर गहरा असर डाला है। जयशंकर के अनुसार, भारत पिछले चार साल से सीमा पर सैनिकों की वापसी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।  

भारत-चीन संबंध न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत-चीन संबंध न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया के भविष्य के लिए अहम हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि अगर दुनिया बहुध्रुवीय होनी है, तो एशिया को भी बहुध्रुवीय होना पड़ेगा। इस संदर्भ में भारत-चीन संबंध पूरे विश्व की दिशा निर्धारित करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच के संबंध विशेष रूप से जटिल हैं क्योंकि ये दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े और उभरते राष्ट्र हैं।  

75% समस्या का समाधान, लेकिन पेट्रोलिंग पर बात अटकी
जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद का 75% समाधान हो चुका है, लेकिन असली मुद्दा अभी भी पेट्रोलिंग का है। दोनों देशों के सैनिक 2020 के बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त लगाने में समस्या का सामना कर रहे हैं। हालांकि, ज्यादातर विवादित बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी हो चुकी है, लेकिन पेट्रोलिंग की व्यवस्था को अभी पूरी तरह से बहाल करना बाकी है।  

2020 से पहले की पेट्रोलिंग व्यवस्था बहाल हो
गलवान घाटी में 2020 के संघर्ष का दोनों देशों के संबंधों पर गहरा असर पड़ा है। जयशंकर ने कहा कि जब तक सीमा पर शांति और 2020 से पहले की पेट्रोलिंग व्यवस्था बहाल नहीं होती, तब तक दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की गुंजाइश कम है। उन्होंने कहा कि सीमा पर सैनिकों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।  

चीन ने किया है द्विपक्षीय समझौतों को उल्लंघन
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि सीमा पर तैनात बड़ी संख्या में सैनिकों को पीछे हटाना अहम  है। जयशंकर ने कहा कि कि दोनों देशों के बीच कई समझौतों के तहत सीमा पर शांति बनाए रखने की व्यवस्था थी, लेकिन 2020 में चीन की ओर से इन समझौतों का उल्लंघन किया गया। इसके बाद दोनों देशों ने बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए, जिससे तनाव और बढ़ गया।  

सीमा पर शांति बनाए रखना जरूरी
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि सीमा पर तनाव को कम करना और शांति बहाल करना ही भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में पहला कदम होगा। जब तक यह नहीं होता, तब तक अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर काम करना कठिन होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखना जरूरी है ताकि दोनों देशों के बीच अन्य क्षेत्रों में प्रगति हो सके।