Woo May Hoe: सिंगापुर में 54 साल की धर्मगुरु वू मे हो को साढ़े दस साल जेल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने उन्हें अपने भक्तों के साथ धोखाधड़ी करने और उन्हें चोट पहुंचाने समेत 5 आरोपों में दोषी पाया है। वू मे हो ने अपने भक्तों का ब्रेनवॉश कर उनसे 43 करोड़ रुपए ठगे। वह अपने भक्तों को बताती थी कि वह एक देवी है और उसके आदेश न मानने पर क्रूर सजा देती थी।
पैसे ने देने वाले भक्तों के साथ करती थी क्रूरता
अगर भक्त वू मे हो के आदेश का पालन नहीं करते थे, तो वह उन्हें क्रूर सजा देती थी। वू मे हो अपने भक्तों को उनका मल खिलाने, प्लास से दांत निकालने, कैंची से मारने और इमारत की दूसरी मंजिल से कूदने को कहती थी। इन अमानवीय कृत्यों से भक्तों को शारीरिक और मानसिक यातनाएं सहनी पड़ती थीं।
देवी का रूप धारण करने का करती थी ढोंग
वू मे हो खुद को भारतीय धर्मगुरु श्री शक्ति नारायणी अम्मा की भक्त बताती है और हमेशा देवी जैसी साड़ी और मेकअप करके रहती है। वह सिंगापुर में 2012 से 30 भक्तों के समूह वाला एक आश्रम चला रही है। वू मे हो का दावा है कि वह देवताओं और आत्माओं से बात कर सकती है और इसी कारण भक्त उस पर विश्वास करते थे।
बीमारियां ठीक करने का दावा कर पैसे ऐंठे
कोर्ट में वू मे हो के भक्तों ने बताया कि वे अपनी बीमारियां ठीक कराने और जीवन बेहतर बनाने के लिए उसके पास जाते थे। इसी दौरान वू मे हो उनसे पैसे मांगती थी और कहती थी कि उन्हें अपने ‘बुरे कर्म’ को साफ करने के लिए भारत में अम्मा को पैसे भेजने होंगे। इस तरह, वू मे हो ने भक्तों से 43 करोड़ रुपए ठगे।
दान का पैसा भारत में खर्च करने का दावा
वू ने दावा किया कि वह इस पैसे को भारत में गायों की देखरेख, मंदिर और स्कूल बनाने के लिए खर्च करती है। हालांकि, 10 भक्तों ने उस पर आरोप लगाया कि वू ने उनसे जरूरी सामान खरीदने, खाना बनवाने, घर की सफाई करने और गाड़ियों का इंतजाम करने को मजबूर किया।
भक्तों के साथ मारपीट के केस में हुई थी अरेस्ट
वू मे हो पर 2020 में मारपीट का पहला केस दर्ज हुआ था, जिसके बाद अक्टूबर 2020 में उसे गिरफ्तार किया गया। एक भक्त ने बताया कि एक त्योहार के दौरान वू ने उस पर 5 केन (टीन के डब्बों) से हमला किया, जिससे उसके सिर और चेहरे पर गंभीर चोट आई और एक आंख भी फूट गई। दर्द की शिकायत करने पर वू ने उसे 'पवित्र जल' पीने और आंखों में डालने को कहा, जिससे उसकी आंख खराब हो गई।