Sri Lanka Presidential Election 2024: आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में हो रहा पहला चुनाव, जानें, भारत के लिए क्यों अहम है ये इलेक्शन

Sri Lanka Presidential Election 2024
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Sri Lanka Presidential Election 2024
श्रीलंका में शनिवार( 21 सितंबर) को राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। यह चुनाव श्रीलंका के लिए बेहद अहम है क्योंकि 2022 के आर्थिक संकट के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव है।

Sri Lanka Presidential Election 2024: श्रीलंका में शनिवार( 21 सितंबर) को राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं। यह चुनाव श्रीलंका के लिए बेहद अहम है क्योंकि 2022 के आर्थिक संकट के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव है। इस चुनाव में 38 उम्मीदवार मैदान में हैं और करीब 1.70 करोड़ नागरिक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है। चुनाव की प्रक्रिया सुबह 7 बजे (स्थानीय समय) से शुरू होगी और शाम 4 बजे तक चलेगी। इसके बाद मतगणना शुरू होगी और परिणाम 22 सितंबर को घोषित होने की संभावना है।

वर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की दोबारा उम्मीदवारी
श्रीलंका के वर्तमान राष्ट्रपति रणिल विक्रमसिंघे फिर से चुनावी दौड़ में हैं। विक्रमसिंघे ने पिछले साल आर्थिक संकट के बाद गोटबाया राजपक्षे की जगह ली थी। विक्रमसिंघे ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से सहायता प्राप्त कर देश को आर्थिक स्थिरता की ओर बढ़ाने का काम किया। हालांकि, विक्रमसिंघे को हाई टैक्स रेट और कुछ जन-कल्याण योजनाओं को वापस लेने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा।

अनुरा कुमारा दिसानायके प्रमुख विपक्षी उम्मीदवार
मुख्य विपक्षी नेता अनुरा कुमारा दिसनायके इस चुनाव में राष्ट्रपति पद के लिए विक्रमसिंघे के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं। दिसनायके की पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) ने पहले दो बार मार्क्सवादी विद्रोह किए हैं। दिसनायके 2022 में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में प्रमुख भूमिका निभाई थी। हालांकि, उन्हें तमिल अल्पसंख्यकों से समर्थन मिलने की संभावना कम है क्योंकि दिसनायके ने युद्ध अपराधों की जांच का विरोध किया है।

सजिथ प्रेमदासा भी चुनाव में एक अहम चेहरा
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे सजिथ प्रेमदासा इस चुनाव में समागी जन बलवेगया (SJB) पार्टी से चुनावी मैदान में उतारे हैं। सजिथ प्रेमदासा ने 2019 के चुनाव में गोटाबाया राजपक्षे से मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार सजिथ प्रेमदास ने अमीरों पर अधिक टैक्स लगाने और गरीबों की मदद करने का वादा किया है।

श्रीलंका के चुनावी में क्या हैं प्रमुख मुद्दे
2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में गरीबी की दर दोगुनी हो गई है। देश के पास लगभग 46 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज है जिसे चुकाना बाकी है। महंगाई, टैक्स और मुद्रा का अवमूल्यन भी प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं। वर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने अर्थव्यवस्था में सुधार के कई प्रयास किए हैं, लेकिन उन्हें उच्च कर दरों और जन-कल्याण योजनाओं को कम करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

भारत के लिए क्यों अहम हैं श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव
श्रीलंका के इस चुनाव का प्रभाव पड़ोसी देश भारत पर भी पड़ेगा। खासतौर पर तमिल अल्पसंख्यक समुदाय का मुद्दा भारत के लिए चिंता का विषय है। इसके अलावा, चीन का श्रीलंका में बढ़ता प्रभाव भी भारत के लिए एक चुनौती है। श्रीलंका ने अपने हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिए चीन को सौंप दिया है। भारत और चीन दोनों के बीच श्रीलंका एक रणनीतिक क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में यह चुनाव भारत के लिए अहम माना जा रहा है।

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