Bangladesh Protests: कौन हैं नाहिद इस्लाम और उनके तीन साथी, शेख हसीना को सत्ता छोड़ने पर कर दिया मजबूर

ढाका यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद, और अबू बकर मजूमदार ने 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' आंदोलन की अगुआई की थी। ;

Update:2024-08-06 15:44 IST
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Bangladesh Protests: बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन सत्ता के बदलाव तक पहुंच गया। ढाका यूनिवर्सिटी के तीन छात्रों ने विरोध प्रदर्शन का ऐसा माहौल बनाया, जिसमें लाखों लोग प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। ये छात्र हैं नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद, और अबू बकर मजूमदार तीनों ढाका यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं, जिन्होंने 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' आंदोलन की अगुआई की थी। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली में सुधार की मांग करने वाला छात्र-नेतृत्व वाला विरोध था।

इन तीनों को 19 जुलाई को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद छात्रों से 26 जुलाई को कड़ाई से पूछताछ की गई। उन्होंने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। जानिए नाहिद इस्लाम से जुड़ी बड़ी बातें... 

  • ढाका यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के छात्र: नाहिद इस्लाम मौजूदा समय में ढाका यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग में छात्र हैं और मानवाधिकार रक्षक के रूप में जाने जाते हैं।
  • राष्ट्रीय समन्वयक: नाहिद 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वयक के तौर पर भी काम करते हैं। यह आंदोलन बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम में सुधार की मांग के लिए चलाया जा रहा है। आंदोलन तब शुरू हुआ जब बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जून 2024 में युद्ध के दिग्गजों और स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत कोटा को बहाल किया। आंदोलन ने तर्क दिया कि यह कोटा प्रणाली भेदभावपूर्ण और सरकारी नौकरियों तक पहुंच के लिए राजनीतिक रूप से हेरफेर की गई है।
  • आवामी लीग के खिलाफ आवाज उठाई: नाहिद इस्लाम शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के खिलाफ मुखर रहे हैं। सरकार ने उन्हें "सड़क पर तैनात आतंकी" बताया। शाहबाग में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि छात्रों ने "आज लाठियां उठा ली हैं" और अगर लाठियां काम नहीं आईं तो "हथियार उठाने" के लिए तैयार हैं।
  • अपहरण और प्रताड़ना: 19 जुलाई 2024 को नाहिद इस्लाम को सादे कपड़ों में आए 25 लोगों ने सबुजबाग के एक घर से अगवा कर लिया था। उन्हें आंखों पर पट्टी बांधकर, हथकड़ी लगाकर और बार-बार पूछताछ के दौरान प्रताड़ित किया गया। दो दिन बाद पुरबाचल में एक पुल के नीचे बेहोश और घायल हालत में पड़े मिले।
  • दूसरा अपहरण: 26 जुलाई 2024 को नाहिद इस्लाम को ढानमोंडी के गोनोशास्तया नगर अस्पताल से फिर से अगवा कर लिया गया। कई खुफिया एजेंसियों के सदस्य होने का दावा करने वाली ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच ने उन्हें उठा लिया। हालांकि, पुलिस ने किसी भी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया।

नाहिद इस्लाम का नेतृत्व और उनकी कहानी बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल का प्रतीक है। उनके नेतृत्व में छात्र आंदोलन ने न केवल कोटा प्रणाली में सुधार की मांग की, बल्कि सरकार के खिलाफ एक व्यापक विरोध का रूप ले लिया।

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