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Sunita Williams Return: अंतरिक्ष में फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के लौटने का समय आ गया है। 9 महीने 13 दिन बाद दोनों अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौट रहे हैं। मंगलवार (18 मार्च) को सुनीता, विलमोर और स्पेस स्टेशन में मौजूद क्रू-9 के दो एस्ट्रोनॉट ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार हुए। स्पेसक्राफ्ट का दरवाजा बंद हुआ। 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ। 19 मार्च को सुबह 2:41 बजे इंजन को फायर किया जाएगा। फिर पृथ्वी के वातावरण प्रवेश करेगा। बुधवार (19 मार्च) की सुबह 3:27 बजे समुद्र में यान की लैंडिंग होगी। करीब 17 घंटे के सफर के बाद दोनों एस्ट्रोनॉट धरती पर पहुंच जाएंगे।

सुबह 5 बजे होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
अमेरिकी स्पेस एजेंसी (NASA)ने सुनीता और विलमोर की वापसी की डीटेल शेयर की है। नासा के मुताबिक, भारतीय समयानुसार 18 मार्च को सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर यान का हैच बंद हो गया। बुधवार (19 मार्च) सुबह 3:27 बजे समुद्र में यान की लैंडिंग होगी। 19 मार्च को 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के वापसी की आधिकारिक सूचना दी जाएगी। 

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5 जून 2024 से फंसे हैं दोनों 
बता दें कि 5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को 8 दिन की यात्रा पर भेजा। दोनों एस्ट्रोनॉट्स बोइंग और नासा के जॉइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन गए थे। एक हफ्ते बाद वापस लौटना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर में गड़बड़ी की वजह से वो दोनों वहां फंस गए। अब दोनों को वापस लाने के लिए  क्रू-10 मिशन लॉन्च किया गया है। 

 सुनीता ने 9 बार किया स्पेसवॉक 
सुनीता विलियम्स ने आईएसएस में रहने के दौरान कई रिकॉर्ड बनाए हैं। सुनीता अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन रहने वाली महिला हैं। सुनीता 286 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं। इसके अलावा सुनीता विलियम्स ने अब तक 9 बार स्पेसवॉक किया है। कुल 62 घंटे और 6 मिनट स्पेसवॉक कर चुकी हैं। बता दें कि पहले दोनों की वापसी की तारीख 16 मार्च फिक्स थी। हालांकि ड्रैगन यान के रॉकेट में खराबी की वजह से समय बदल दिया गया।

स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने की प्रोसेस 
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर एस्ट्रोनॉट प्रेशर सूट पहनेंगे। इसके बाद हैच बंद होगा। फिर रिसाव की जांच होगी।  स्पेसक्राफ्ट आईएसएस के पोर्ट से बंद होगा। छोटे ड्रैको थ्रस्टर्स यान को स्टेशन से धकेलेंगे। ड्रैगन का ट्रंक अलग हो जाएगा। इसके बाद ड्रैको थ्रस्टर्स अपनी कक्षा की उल्टी दिशा में फायर करेंगे। इसके बाद यान 27,000 किमी की रफ्तार से वायुमंडल में प्रवेश करेगा। 

6,000 फीट पर खुलेंगे पैराशूट
3-5 मिनट तक संचार बंद रहेगा। 18,000 फीट की ऊंचाई पर दो ड्रोग पैराशूट खुलेंगे। फिर 6,000 फीट पर चार मुख्य पैराशूट खुलेंगे। यान की गति 24 Km/hr हो जाएगी। फ्लोरिडा के पास समुद्र में यान उतरेगा। यहां टीमें यान तक पहुंचेंगी और इसे जहाज पर उठाएंगी। अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकाला जाएगा और स्वास्थ्य जांच होगी।