Peace Summit: रूस और यूक्रेन के बीच 840 दिनों से जारी युद्ध को खत्म करने के मुद्दे पर चर्चा के लिए दो दिवसीय शांति समिट (Peace Summit) 15 जून से शुरू हो गई। इसके लिए अमेरिका, यूक्रेन समेत कई देशों के नेता स्विट्जरलैंड के बर्जनस्टॉक रिजॉर्ट पहुंच चुके हैं। यह शिखर सम्मेलन अब तक का चौथा पीस समिट है। इससे पहले कोपेनहेगन, जेद्दा और माल्टा में तीन समिट हो चुके हैं।
कौन-कौन से देश होंगे होंगे शामिल?
- न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने इस सम्मेलन के लिए 160 देशों को आमंत्रित किया था। इनमें से भारत के साथ ही करीब 90 देशों के नेता या प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में शामिल होने की पुष्टि की है। हालांकि, कई बड़े देशों ने इस सम्मेलन से दूरी बना ली है और इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है।
- रूस को इस समिट में नहीं बुलाया गया है। चीन समेत कई देश समिट में नहीं होंगे। रूस के प्रमुख सहयोगी चीन ने भी इस समिट से दूर रहने का फैसला किया है। G20 के मौजूदा अध्यक्ष ब्राजील ने भी ऐसा ही किया है। सऊदी अरब और पाकिस्तान भी समिट में हिस्सा नहीं लेंगे।
पीस समिट में बाइडेन-मोदी नहीं होंगे शामिल
यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस समिट में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस मौजूद रहेंगी। इसी प्रकार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पीस समिट में मौजूद नहीं रहेंगे, लेकिन भारत की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल इसमें शिरकत करेगा। समिट से पहले PM मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से इटली में मुलाकात की। मोदी ने कहा कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है और यह जंग कूटनीति और बातचीत के जरिए ही खत्म की जा सकती है।
स्विट्जरलैंड में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
स्विट्जरलैंड में सुरक्षा के लिए 4 हजार सैनिक तैनात किए गए हैं। इसके अलावा वेन्यू के करीब स्टील की एक रिंग रखी गई है। 6.5 किलोमीटर के इलाके में फेंसिंग की गई है और 8 किलोमीटर लंबे तारों का जाल भी बिछाया गया है। स्विस मिलिट्री और एयरफोर्स क्षेत्र में निगरानी कर रही हैं। हेलिपोर्ट की सुरक्षा के लिए 5 मिलिट्री हेलिकॉप्टर्स तैनात किए गए हैं।
पुतिन ने जंग रोकने के लिए रखी हैं 3 शर्तें
स्विट्जरलैंड पीस समिट से एक दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि जंग तभी रुकेगी, जब यूक्रेनी सेना उन चारों इलाकों से पीछे हट जाएगी, जिन पर रूस ने दावा किया है। साथ ही यूक्रेन को NATO में शामिल होने की जिद छोड़नी होगी और पश्चिमी देशों को रूस पर लगाए प्रतिबंध खत्म करने होंगे। यूक्रेन ने पुतिन की इन शर्तों को नकारते हुए इसे ढोंग और बेतुका बताया है।
जेलेंस्की का 10 पॉइंट प्लान क्या है?
पीस समिट के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 10 पॉइंट का एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें जंग खत्म करने के लिए यूक्रेन से रूसी सेना की वापसी समेत कई बिंदुओं को शामिल किया गया है। उन्होंने मांग की है कि रूस अपनी सेना को यूक्रेन के क्षेत्र से पीछे हटाए और क्रीमिया समेत उन क्षेत्रों को भी आजाद करे, जिन पर उसने कब्जा कर रखा है।