Bashar al-Assad plane crash: सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। ऐसी अटकलें हैं कि दमिश्क से भागने की कोशिश में उनका विमान क्रैश हो गया या विद्रोहियों द्वारा मार गिराया गया। Flightradar24.com के अनुसार, सीरियन एयर का Ilyushin Il-76T विमान, जो दमिश्क से उड़ा था, रडार से अचानक गायब हो गया।  

क्या हुआ था उड़ान के दौरान?
फ्लाइट ने पहले सीरिया के तटीय क्षेत्र की ओर उड़ान भरी, लेकिन कुछ ही देर बाद दिशा बदलकर होम्स के विद्रोही इलाके के ऊपर से गुजरी। इसी दौरान विमान की ऊंचाई अचानक 3,650 मीटर से गिरकर 1,070 मीटर हो गई और इसके बाद रडार संपर्क टूट गया।  

विशेषज्ञों का कहना है कि यह या तो तकनीकी खराबी का मामला हो सकता है या फिर विमान को निशाना बनाया गया। हालांकि, फ्लाइटरडार ने इलाके में GPS जैमिंग और पुराने ट्रांसपोंडर के कारण डेटा में संभावित विसंगतियों की बात भी कही है।  

बशर अल-असद की स्थिति पर सवाल
विमान में कौन सवार था, इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन रॉयटर्स ने सीरियाई सूत्रों के हवाले से बताया कि "बहुत अधिक संभावना" है कि असद इस घटना में मारे गए हैं।  

एक सीरियाई पत्रकार ने ट्वीट कर कहा, "बशर अल-असद के विमान का 3डी फ्लाइट डेटा संकेत देता है कि इसे जानबूझकर निशाना बनाया गया।"  

विद्रोहियों का बढ़ता जा रहा दबदबा  
27 नवंबर को विद्रोहियों और सीरियाई सेना के बीच शुरू हुए संघर्ष ने अब विकराल रूप ले लिया है। 1 दिसंबर को विद्रोहियों ने अलेप्पो पर कब्जा कर लिया, और उसके कुछ दिनों बाद होम्स और दारा पर भी नियंत्रण हासिल कर लिया। दमिश्क से मात्र 90 किमी की दूरी पर दारा में विद्रोहियों का कब्जा । विद्रोही होम्स और दारा समेत देश के कई शहरों की सड़कों पर खुलेआम घूमते नजर आ रहे हैं। हथियार लहरा रहे हैं और असद सरकार को हराने का जश्न मना रहे हैं।

भारत ने जारी की एडवाइजरी
सीरिया की स्थिति को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने नागरिकों से तत्काल देश छोड़ने और सीरिया यात्रा से बचने की सलाह दी है। दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क में रहने की सलाह दी गई है। भारतीय नागरिकों से कहा गया है कि ऐसे किसी भी स्थान पर नहीं जाएं, जहां पर विद्रोही एक्टिव हैं। 

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ट्रंप बोले- ये अमेरिका की लड़ाई नहीं
सीरिया में बिगड़ते हालात के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अमेरिका की लड़ाई नहीं है। वहीं, रूस, जो अब तक असद सरकार का समर्थन करता आया है, ने भी इस बार पर्याप्त मदद नहीं दी है।

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विद्रोह का क्या होगा दुनिया पर असर?
विशेषज्ञों का कहना है कि सीरिया पर नियंत्रण पश्चिम एशिया में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसके परिणाम न केवल सीरिया बल्कि रूस, ईरान और अन्य पड़ोसी देशों पर भी इसका असर होगा। तेल की कीमतों में उछाल आ सकती है। इसके साथ ही कई देशों के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है।