थाईलैंड को मिला सबसे युवा प्रधानमंत्री: इस पद पर पहुंचने वाली परिवार की तीसरी सदस्य, जानें कौन हैं पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा

Paetongtarn Shinawatra: पेतोंग्टार्न शिनावात्रा थाईलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री बनी हैं। शिनावात्रा के पिता और चाची भी यह पद संभाल चुके हैं। जानें क्या है शिनावात्रा के सामने चुनौतियां।;

Update:2024-08-17 20:07 IST
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Paetongtarn Shinawatra: थाईलैंड ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा (Paetongtarn Shinawatra) को देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री चुना है। 37 वर्षीय पाइतोंग्तार्न इस पद पर पहुंचने वाली शिनवात्रा परिवार की तीसरी सदस्य हैं। इससे पहले उनके पिता थाकसिन शिनवात्रा और चाची यिंगलक शिनवात्रा भी प्रधानमंत्री रह चुके हैं। दोनों को सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता से हटाया गया था।

शिनवात्रा के पिता भी रह चुके हैं पीएम
पैतोंग्तार्न के पिता थाकसिन शिनवात्रा थाईलैंड के एक सफल प्रधानमंत्री थे। लेकिन 2006 में उनकी सरकार को हटा दिया गया था। उनकी चाची यिंगलक शिनवात्रा, जो थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, को भी 2014 में पद से हटा दिया गया था। बावजूद इसके, शिनवात्रा परिवार का प्रभाव थाई राजनीति में बना रहा। अब पाइतोंग्तार्न इस विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।

फ्यू थाई पार्टी में निभा चुकी हैं अहम भूमिका
पाइतोंग्तार्न ने 2021 में फ्यू थाई पार्टी को एकजुट करने और इन्नोवेशन एडवाइजरी समिति की प्रमुख के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। शुरू में राजनीति से दूर रहने की इच्छा रखने वाली पाइतोंग्तार्न ने जल्द ही पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी शुरू कर दी। प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार के रूप में उन्होंने अपनी नीतियों में आर्थिक सुधारों पर जोर दिया। इसमें न्यूनतम वेतन को दोगुना करने, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने और बैंकॉक में यातायात लागत को कम करने का वादा शामिल था।

चुनौतियों से भरी है शिनवात्रा की सत्ता में वापसी
पाइतोंग्तार्न की सत्ता में वापसी शिनवात्रा परिवार के लिए एक बड़ी सफलता है। लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियां भी हैं। थाईलैंड की 2023 की चुनावी प्रक्रिया में मूव फॉरवर्ड पार्टी ने फ्यू थाई पार्टी को पीछे छोड़ दिया था। लेकिन थाकसिन द्वारा किए गए एक समझौते ने फ्यू थाई को गठबंधन सरकार बनाने में मदद की। इससे शिनवात्रा परिवार की शक्ति फिर से मजबूत हुई। हालांकि, यह वापसी बिना जोखिम के नहीं है।

थाईलैंड की सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देने का मिशन
प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न का ध्यान अब थाईलैंड की सॉफ्ट पावर को बढ़ावा देने पर होगा। वह देश की सांस्कृतिक, पाक कला और खेलों की ताकत को वैश्विक मंच पर उजागर करने का प्रयास करेंगी। लेकिन, एक नई नेता के रूप में, उनकी हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। खासकर उन शक्तिशाली समूहों द्वारा जो उनके परिवार को पहले सत्ता से हटाने में शामिल थे।

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