Air Strikes on Yemen's Houthis: ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के व्यापारिक जहाजों पर हमलों को लेकर अमेरिका के सब्र का बांध टूट गया है। फाइनल चेतावनी के बाद भी हूती अपनी करतूत से बाज नहीं आए तो अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर सबक सिखाने का मन बना लिया है। गुरुवार को अमेरिका और ब्रिटेन की आर्मी ने संयुक्त रूप से यमन में हूतियों के शासन वाले इलाकों में हवाई हमले (Air Strikes) किए। हूतियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। हालांकि अभी तक यमन में हुए नुकसान की रिपोर्ट सामने नहीं आई है। फिलहाल, यह 2016 के बाद यूमन में हूतियों के खिलाफ अमेरिका की तरफ से किया गया पहला हमला है।
राष्ट्रपति बाइडेन बोले- हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार की देर रात एक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को आगाह किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह आगे भी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। यह टारगेट हवाई हमले एक स्पष्ट संदेश है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और अपने पार्टनर्स के खिलाफ हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे। बाइडेन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड ने ऑपरेशन का समर्थन किया।
वहीं, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन हमलों से हूती विद्रोहियों को कड़ा सबक मिला है। उनकी बिजनेस शिपिंग को धमकाने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ा है।
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The US and the UK are attacking Yemen right now. This clip was reportedly taken from close to one of a dozen targets hit. Contrary to reports, Houthi rebels have been allowing all ships through the Red Sea unmolested except those linked to Israel. pic.twitter.com/3qRKV8XliD
— Nury Vittachi (@NuryVittachi) January 12, 2024
लड़ाकू विमानों और टॉमहॉक मिसाइलों से हुए हमले
अमेरिका-ब्रिटेन की सेना ने हूतियों के रडार सिस्टम, ड्रोन बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइल के जखीरे और लॉन्च साइटों को निशाना बनाया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ये हवाई हमले लड़ाकू विमानों और टॉमहॉक मिसाइलों से किए गए। करीब एक दर्जन ठिकानों को टारगेट किया गया है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हमले विमान, जहाज और पनडुब्बी द्वारा किए जा रहे थे। हमलों का उद्देश्य हूती विद्रोहियों की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना था। एक हौथी अधिकारी ने राजधानी साना के साथ-साथ सादा और धमार शहरों के साथ-साथ होदेइदा प्रांत में हमले की पुष्टि की।
गंभीर परिणाम भुगतने की दी थी चेतावनी
हूती विद्रोही यमन के अधिकांश हिस्से पर शासन करते हैं। अमेरिका ने लाल सागर शिपिंग रूट पर बढ़ते हमलों को लेकर हूती विद्रोहियों को चेतावनी दी थी। बावजूद इसके हूती विद्रोहियों ने हमास के समर्थन में हमले जारी रखा। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई थी।
हूती विद्रोहियों का कहना है कि वे वाणिज्यिक जहाजों पर हमले गाजा को नियंत्रित करने वाले फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के समर्थन में कर रहे हैं। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया था। बाद में इजराइल ने पलटवार किया। इजराइल में 12000 और गाजा में 23,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
BREAKING: Yemen’s Houthi rebels have released footage showing the launch of its surface-to-surface missile being deployed to target a U.S. warship. pic.twitter.com/SlG66vewS8
— Constitutionalist 💯 🇺🇲 (@Kc_Casey1) January 12, 2024
हूती विद्रोहियों ने अब तक 27 जहाजों को बनाया निशाना
हूती विद्रोहियों ने 19 नवंबर से अब तक 27 जहाजों पर हमला किया। गुरुवार को भी अदन की खाड़ी में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। जिससे लाल सागर में यूरोप और एशिया के बीच अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य मार्ग बाधित हो गया है। यह दुनिया के शिपिंग यातायात का लगभग 15% है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन का कहना है कि हूती विद्रोहियों ने सीधे तौर पर अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाया।
दिसंबर में 20 से अधिक देश लाल सागर में वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के लिए अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में हिस्सा लेने के लिए सहमत हुए थे। जिसे ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन के नाम से जाना जाता है। हालांकि, अमेरिकी और ब्रिटिश हमले उस रक्षात्मक गठबंधन के बाहर हो रहे हैं।
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