Bangladesh Unrest: अमेरिका ने बांग्लादेश में तख्तापलट और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे में शामिल होने के आरोपों को 'हास्यास्पद' बताया। शेख हसीना ने 5 अगस्त को इस्तीफा देकर भारत की ओर रुख किया था, उस वक्त ढाका में हजारों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आकर आवामी लीग सरकार को हटाने की मांग की थी। इस घटना के बाद अमेरिका ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे में शामिल होने के आरोपों को सख्ती से खारिज किया है।

बांग्लादेश तख्तापलट पर अमेरिका का बयान
विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा- "यह हास्यास्पद है। शेख हसीना के इस्तीफे में अमेरिका के शामिल होने का कोई भी आरोप पूरी तरह से झूठा है।" उन्होंने आगे कहा कि हालिया कुछ हफ्तों में बांग्लादेश में हुई घटनाओं को लेकर काफी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।

शेख हसीना के बेटे ने किया था दखल का दावा
इससे पहले, शेख हसीना के बेटे सजीब वाज़ेद जॉय ने दावा किया था कि बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को विदेशी ताकतों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह सब बांग्लादेश के बाहर से हो रहा है। केवल एक खुफिया एजेंसी के पास प्रदर्शनकारियों को हथियारों की तस्करी और आपूर्ति करने की क्षमता हो सकती है।"

देश छोड़ने के बाद शेख हसीना का पहला बयान 
- भारत आने के बाद शेख हसीना ने अपने पहले बयान में उन सभी लोगों के लिए न्याय की मांग की, जो बांग्लादेश में इन हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मारे गए। उन्होंने कहा, "पिछले जुलाई से आंदोलन के नाम पर हुई बर्बरता और हिंसा में कई निर्दोष लोग मारे गए। मैं उनके लिए शांति और न्याय की मांग करती हूं।"
- उन्होंने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर-रहमान के संग्रहालय में तोड़फोड़ और मूर्ति गिराए जाने की कड़ी निंदा की। शेख हसीना ने कहा कि राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीब-उर-रहमान ने हमें एक स्वतंत्र देश दिलाया और कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनका घोर अपमान किया है। मैं अपने और पिता के लिए देशवासियों से न्याय की मांग करती हूं।