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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोरोना का नया वेरियंट एक ओमिक्रोन वेरियंट है, इसलिए मौजूदा वैक्सीन कुछ हद तक इससे बचाव कर पा रही है।  

WHO Alert JN.1 variant: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनियाभर में कोरोनावायरस के बढ़ते हुए संक्रमण के मामलों को लेकर चेतावनी जारी की है। बुधवार को WHO के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कोरोना (Covid-19) जुड़े आंकड़े जारी करते हुए बताया कि दिसंबर 2023 में दुनियाभर में कोविड-19 से करीब 10 हजार लोगों की मौत हुई। जबकि करीब 50 देशों के हॉस्पिटल में मरीजों के भर्ती होने का आंकड़ा 42 फीसदी तक बढ़ गया। इनमें ज्यादातर यूरोप और अमेरिका से हैं। उधर, गुरुवार को भारत में कोरोना के एक्टिव केस में गिरावट आई।

JN.1 ओमिक्रोन का ही वेरियंट है 
टेड्रोस ने कहा, "छुट्टियों के दौरान भीड़-भाड़ और नए वायरस के वेरियंट के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जेएन.1 वेरियंट दुनियाभर में सबसे प्रमुख वेरियंट बन गया है। यह एक ओमिक्रोन वेरियंट है, इसलिए मौजूदा वैक्सीन कुछ हद तक इससे बचाव कर पा रही है। हालांकि, महामारी के चरम के हिसाब से एक महीने में 10,000 लोगों की मौत का आंकड़ा कम है, लेकिन हम इस बात से चिंतित हैं कोरोना के मामले अन्य जगहों पर भी बढ़े हैं जिनकी सूचना नहीं मिली है।''

डब्ल्यूएचओ ने सरकारों से कहा- निगरानी रखें
WHO ने सरकारों से निगरानी बनाए रखने और उपचार एवं टीके उपलब्ध कराने की अपील की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी प्रमुख, मारिया वान केरखोव ने बताया कि इसके साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया जैसी सांस संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। 

खतरा टला नहीं है: लोग मास्क पहनें, टीके लगवाएं
उधर, डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने यह भी सुझाव दिया है कि लोगों को कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवाना चाहिए। चेहरे पर मास्क पहनना चाहिए और घर में अच्छी हवा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। इसके साथ ही भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से भी बचना चाहिए।

भारत में नए वेरियंट की क्या स्थिति है? 
केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को जारी बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में कोरोनावायरस के नए मामलों में कमी आई है। 11 जनवरी को एक्टिव केस 3643 से घटकर 3422 रह गए। दक्षिण भारत के दो राज्य केरल और कर्नाटक में जेएन.1 वेरियंट का संक्रमण ज्यादा देखने को मिला है। केरल में 613 और कर्नाटक में 947 मरीजों का इलाज चल रहा है।  

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