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Who is Marco Rubio: डोनाल्ड ट्रंप ने मार्को रुबियो को अमेरिका के नए विदेश मंत्री पद के लिए नॉमिनेट किया है। रुबियो चीन के कट्टर आलोचक और भारत के समर्थक माने जाते हैं।

Who is Marco Rubio:डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो को अमेरिका के विदेश मंत्री पद के लिए नॉमिनेट किया है। रुबियो अमेरिका-भारत संबंधों के मुखर समर्थक और चीन के सख्त आलोचक माने जाते हैं। यह नियुक्ति संभवतः ट्रंप की विदेश नीति में एक नई दिशा का संकेत हो सकती है, जिसमें वे अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने और चीन जैसे विरोधियों को आक्रामक प्रतिक्रिया देने पर जोर दे सकते हैं। रुबियो के चयन से विदेश नीति के क्षेत्र में ट्रंप के अगले कदमों की दिशा स्पष्ट होती है।  

भारत-अमेरिका संबंधों में रुबियो की भूमिका
रुबियो ने भारत को हमेशा से ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साथी माना है। वे व्यापार और रक्षा क्षेत्रों में अमेरिका-भारत सहयोग को मजबूत करने के पक्षधर हैं। पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने कांग्रेस में लगातार मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की रणनीतिक अहमियत को रेखांकित किया है। यह रिश्ता न केवल दोनों देशों के आर्थिक हितों को बढ़ाता है, बल्कि दोनों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को भी बल देता है। ट्रंप प्रशासन में रुबियो का चयन भारत के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।  

चीन पर अपनाते रहे हैं सख्त रुख
चीन को लेकर रुबियो का रुख हमेशा आक्रामक रहा है। सीनेट में वे चीन की नीतियों और मानवाधिकारों के हनन के मुखर आलोचक हैं। रुबियो ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) पर आर्थिक दबाव डालने की वकालत की है और दक्षिण चीन सागर में उसकी आक्रामक नीतियों की भी निंदा की है। अगर वे विदेश मंत्री बनते हैं, तो उनकी यह सख्ती और भी बढ़ सकती है। चीन के प्रति उनके सख्त रुख से भारत सहित अन्य देशों के साथ अमेरिकी संबंध और मजबूत हो सकते हैं।  

NATO के मजबूत समर्थक माने जाते हैं
रुबियो का विदेश नीति का अनुभव यूरोप के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने में मददगार होगा। रुबियो हमेशा NATO के कट्टर समर्थक रहे हैं। मार्को ने कई बार यूरोपीय सहयोगियों के साथ रक्षा साझेदारी को बढ़ावा देने की वकालत की है। ट्रंप ने हालांकि पहले NATO की आलोचना की थी, लेकिन रुबियो का समर्थन इस गठबंधन को और भी मजबूत कर सकता है। रुबियो का मानना है कि NATO अमेरिकी सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।  

मिडिल ईस्ट में हमास पर सख्त रुख
मिडिल ईस्ट की बात करें तो रुबियो ने इजरायल के प्रति अपना समर्थन जताया है और हमास जैसे संगठनों पर हमला बोला है। रुबियो का मानना है कि ऐसे संगठन मिडिल ईस्ट की स्थिरता के लिए खतरा हैं। मार्को रुबियो ने इजरायल को हर संभव सुरक्षा सहायता देने और हमास की हिंसा का मजबूती से जवाब देने की अपील की है। उनकी नीतियां GOP (Republican Party) के पारंपरिक आइडियोलॉजी के मुताबिक है, जो इजरायल की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर देती हैं।  

रूस-यूक्रेन संघर्ष पर क्या है रुबियो का विजन
रूस और यूक्रेन के संघर्ष पर रुबियो का दृष्टिकोण स्पष्ट और सुलझा हुआ है। हाल ही में उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है, हालांकि उन्होंने रूस के पक्ष में कोई बात नहीं की। लेकिन रुबियो ने अमेरिका की ओर से यूक्रेन को दिए जा रहे सहायता पैकेज पर सवाल उठाए हैं और अपनी नीतियों में वास्तविकता के आधार पर समाधान करने की बात  कही है।

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