Wildfires in Chile: चिली के जंगलों में लगी आग बेकाबू है। सीएनएन ने सरकार की कानूनी चिकित्सा सेवा (SML) के हवाले से बताया कि मृतकों की संख्या 99 पहुंच गई है। इनमें से सिर्फ 32 की शिनाख्त हो सकी है। चिली के तटीय शहरों में धुआं भर गया है। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसके चलते इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है। लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। फॉरेस्ट्री अथॉरिटी (वानिकी प्राधिकरण) ने रविवार को देशभर में अग्निकांड की 159 घटनाएं दर्ज कीं।
आज और कल राष्ट्रीय शोक
राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने रविवार को प्रभावित जिलों का दौरा किया। उन्होंने घोषणा की कि आग पीड़ितों के सम्मान में सोमवार और मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाएगा। बोरिक ने इसे 2010 में आए भूकंप के बाद से सबसे खराब त्रासदी कहा। तब 520 से अधिक लोग मारे गए थे।उ न्होंने यह भी कहा कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ेगी।
300 लोग अभी लापता
गृह मंत्री मंत्री कैरोलिना तोहा ने मरने वालों की संख्या और भी अधिक होने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि 300 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। तोहा ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि वलपरिसो के पास आग जानबूझकर लगाई गई थी।
कई शहरों में लगा कर्फ्यू
वालपराइसो क्षेत्र के गवर्नर रोड्रिगो मुंडाका ने रविवार को घोषणा की कि विना डेल मार, क्विलपुए, विला एलेमाना और लिमाचे शहरों में कर्फ्यू लागू किया जा रहा है, ताकि अधिकारी आग बुझाने पर फोकस हो सकें। क्विलपुए के मेयर वेलेरिया मेलिपिलन ने बताया कि यह अब तक की सबसे बड़ी आग है। लगभग 1400 घर जलकर राख हो गए हैं।
आग को फैलने से रोकने के लिए अग्निशमन कर्मियों की मदद के लिए सेना को तैनात किया गया है, जबकि हेलीकॉप्टरों ने आसमान से आग की लपटों को बुझाने के लिए पानी गिराया।
पोप फ्रांसिस ने कहा- प्रार्थना करें
पोप फ्रांसिस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर लोगों से जंगल की आग में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के लिए प्रार्थना करने का आग्रह किया। उन्होंने लिखा कि मध्य चिली को प्रभावित करने वाली विनाशकारी आग के मृतकों और घायल पीड़ितों के लिए प्रार्थना करें।