Pig Kidney Transplant: अमेरिका के डॉक्टरों ने किडनी फ्लयोर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे एक इंसान की जान बचाने के लिए अनोखी सर्जरी की थी। मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल (एमजीएच) में एक्सपर्ट्स की टीम ने मार्च 2024 में उसे पिग यानी सुअर की किडनी लगाई थी। दुनिया में पहली बार इस तरह का ट्रांसप्लांट किया गया था। इसके लिए डॉक्टरों की टीम ने जेनोट्रांसप्लांटेशन (Xenotransplantation) प्रोसेस अपनाई, जिसमें एक प्रजाति की जीवित कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों को दूसरी प्रजाति में ट्रांसप्लांट किया जाता है।
मार्च में लगाई गई थी सु्अर की किडनी
अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) ने रविवार को बताया कि जेनेटिकली किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीज की मौत हो गई है। उसे दो महीने पहले ही पिग किडनी लगाई गई थी। हॉस्पिटल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हालांकि, ऐसा कोई साफ संकेत नहीं मिल रहा है कि मरीज की मौत ट्रांसप्लांट के कारण हुई।
मील का पत्थर मानी गई थी अनोखी सर्जरी
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिचर्ड "रिक" स्लेमैन नाम का यह मरीज मार्च में हुए अनोखी सर्जरी से पहले लास्ट स्टेज किडनी डिसऑर्डर (बीमारी) से पीड़ित था। हालांकि, जेनेटिकली मोडिफाइड सुअरों के ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रोसेस पहले भी नाकाम हो चुकी हैं।
- डॉक्टरों ने जब स्लेमैन का ऑपरेशन किया तो इसे एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना गया था। 62 साल का यह मरीज टाइप 2 डायबिटीज और से हाई ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित था। 2018 में उसे इंसानी किडनी लगाइ गई थी, लेकिन 5 साल बाद यह सर्जरी भी फेल हो गई।
ट्रांसप्लांट फेल होने पर हॉस्पिटल ने क्या कहा?
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में पिग किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टरों ने कहा था कि स्लेमैन को लगाई गई किडनी ठीक से काम कर रही है और उसे भविष्य में डायलिसिस की जरूरत नहीं होगी। हॉस्पिटल ने बयान में कहा है कि स्लेमैन को आने वाले सालों में दुनियाभर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर आशा की किरण के तौर पर देखा जाएगा और हम उनके विश्वास और इच्छा के लिए आभारी हैं।
क्या होती है ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन प्रोसेस?
ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें जीवित कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों को एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में ट्रांसप्लांट किया जाता है। उल्लेखनीय है कि स्लेमैन पहले इंसान थे, जिन्हें ट्रांसप्लांट के लिए सुअर की पहली किडनी मिली थी, लेकिन यह ट्रांसप्लांट सर्जरी के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाला पहला पिग ऑर्गन नहीं है। पहले दो मरीजों को सुअर का हार्ट लगाया गया था, लेकिन दोनों सर्जरी कामयाब नहीं रहीं। कुछ हफ्तों में इन मरीजों ने दम तोड़ दिया। एक मरीज के इम्यून सिस्टम ने पिग ऑर्गन को एक्सेप्ट नहीं किया था, जो ट्रांसप्लांट प्रोसेस में एक आम जोखिम है।