Yemen boat tragedy: यमन के अदन तट के पास मंगलवार, 11 जून को शरणार्थियों से भरी एक नाव पलट गई, जिसमें 49 लोगों की मौत हो गई और 140 से अधिक लोग लापता हो गए। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, इस नाव में कुल 260 लोग सवार थे। हादसे का शिकार हुए बोट में सवार लोगों में अधिकांश लोग इथियोपिया और सोमालिया के थे।

बोट में सवार सभी लाेग शरणार्थी थे
बोट में सवार सभी लोग शरणार्थी थे और ईस्ट अफ्रीका के सोमालिया से यमन जा रहे थे। ये लोग स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 3 बजे सोमालिया के बोसासो से रवाना हुए थे, जो यमन से लगभग 600 किलोमीटर दूर है। नाव पलटने के बाद तुरंत संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM) ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें 71 लोगों को बचा लिया गया। इनमें से 8 लोगों की हालत गंभीर है।

बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा
IOM ने अब तक 31 महिलाओं समेत 6 बच्चों के शव बरामद कर लिए हैं। IOM के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल युद्ध-स्तर पर बचाव कार्य जारी है। नाव में 115 सोमाली और 145 इथियोपियाई नागरिक सवार थे। IOM के अधिकारियों ने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

इस रूट पर 10 साल में 1860 मौतें
संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक, नाव सोमालिया के बोसासो से रविवार को रवाना हुई थी। हर साल हजारों अफ्रीकी प्रवासी सऊदी अरब पहुंचने के लिए ईस्टर्न रूट के जरिए रेड सी को पार करने की कोशिश करते हैं। अप्रैल में इसी रूट पर 62 लोगों की जान गई थी। UN के अधिकारियों ने बताया कि 2014 से अब तक इस समुद्री मार्ग पर 1860 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

यमन में बढ़ रही प्रवासियों की संख्या
इस रूट से 2023 में जाने वाले शरणार्थियों की संख्या 90 हजार से ज्यादा थी। इसी के चलते अब यमन में प्रवासियों की संख्या 4 लाख के करीब हो गई है। IOM के अधिकारियों ने कहा कि प्रवासियों की मदद और सुरक्षा के लिए और अधिक संसाधनों की जरूरत है। यमन में हुई इस दर्दनाक घटना ने फिर से शरणार्थियों की समस्याओं और उनके संघर्ष को उजागर कर दिया है। संबंधित एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं कि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके और इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।