Zombie Deer Virus: अमेरिका में जाम्बी डियर डिजीज (Zombie Deer Virus) या क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज (CWD)सामने आया है। यह Zombie Deer Virus के कारण फैलता है। इसके कारण अमेरिका में चिंता बढ़ गई है। यह बीमारी अभी तक जानवरों तक ही सीमित है, लेकिन यह जानवरों से इंसानों में भी फैल सकता है। यही कारण है वैज्ञानिकों ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है। इस वायरस को लेकर लोगों को आगाह किया गया है।
येलोस्टोन नेशनल पार्क में सामने आया मामला
जानवरों में संक्रमण का मामला अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क में सामने आया है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह वायरस सबसे पहले हिरणों में सामने आया। इसके बाद अन्य जानवरों में भी फैलना लगा। हिरण के साथ ही एल्क, बारहसिंगा, सिका हिरण और मूज जैसे जानवरों में भी संक्रमण फैल गए हैं। यह वायरस अमेरिका के व्योमिंग, मोंटाना और इडाहो में पांव पसार रहा है। हालांकि, जानवरों से इंसान में संक्रमण फैलने का फिलहाल कोई मामला सामने नहीं आया है।
अब तक सैंकडों जानवर आए चपेट में
वैज्ञानिकों को डर है कि अमेरिका में मामले बढ़ने के कारण 'Zombie Deer Virus' इंसानों में भी फैल सकता है। बीते एक साल में यह वारयस सैंकड़ों जानवरों को चपेट में ले चुका है। इसका सबसे खास लक्षण है कि संक्रमित होने पर जानवरों के दिमाग पर असर होता है। अजीब ढंग से घूरने लगते हैं और लड़खराने लगते हैं। यह ठीक वैसे ही स्थिति है जैसा जॉम्बी को दिखाया जाता है। यही कारण है कि इसे जॉम्बी दिया गया है। इसके साथ ही संक्रमित जानवरों में लार टपकने और सुस्ती जैसी समस्या नजर आने लगती है।
पहली बार कहां मिला यह वायरस
इस वायरस के संक्रमण का पहला मामला साल 1996 में कनाडा में सामने आया था। कनाडा के एक एनिमल फॉर्म में इसके केस मिले। इसके बाद यह जानवरों में तेजी से फैल गया। इसके बाद संक्रमण को रोकने के लिए सभी जानवरों को मारना पड़ा। इसके बाद इस वायरस को फैलने से रोका जा सका। अमेरिकी विशेषज्ञ इस बात को लेकर हैरानी में हैं कि इतने वर्ष बाद यह संक्रमण एक बार फिर से बड़े पैमाने पर जानवरों को चपेट में ले आ रहा है।
कैसे फैलता है जॉम्बी डीयर वारस
Zombie Deer Virus कई तरीकों से फैलता है। अगर कोई इस वायरस से संक्रमित जानवर के मांस का सेवन करता है तो उसमें यह वायरस ट्रांसफर हो सकता है। इसके साथ ही इनफेक्टेड जानवरों के पेशाब या लार के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है। अगर इंसान संक्रमित होते हैं तो उनमें, दस्त, डिप्रेशन, मानसिक विक्षिप्तता और लकवा के लक्षण सामने आ सकते हैं।