Bhanu Saptami 2024: 11 अगस्त 2024 रविवार को भानु सप्तमी मनाई जा रही है। भानु सप्तमी प्रतिवर्ष सावन महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भानु सप्तमी के दिन सूर्यदेव की उपासना करने और जरूरतमंदों को दान करने से लोगों के जीवन से सभी कष्ट दूर होते है। ज्योतिष के अनुसार सभी राशि के जातकों को अलग-अलग तरह से सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।
राशि अनुसार सूर्य देव की पूजा
(Surya Dev Puja by Rashi)
- - मेष राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में कुमकुम, रोली या लाल रंग के फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। 'ॐ अचिंत्याय नम:' मंत्र का जप करें।
- - वृषभ राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में सफेद फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ अरुणाय नम:' मंत्र का जप करें।
- - मिथुन राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ आदि-भुताय नम:' मंत्र का भी जप करें।
- - कर्क राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में दूध मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ वसुप्रदाय नम:' मंत्र का जप करें।
- - सिंह राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में गुड़ मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ भानवे नम:' मंत्र का जप भी करें।
- - कन्या राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को जल में हरसिंगार फूल डालकर अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ शांताय नम: मंत्र का जप करें।
- - तुला राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को जल में इत्र और कुमकुम मिलाकर अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ इन्द्राय नम:' मंत्र का जप करें।
- - वृश्चिक राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को जल में गुड़ और रोली मिलाकर अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ आदित्याय नम:' मंत्र का जप करें।
- - धनु राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में हल्दी मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ शर्वाय नम:' मंत्र का जप करें।
- - मकर राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ सहस्र किरणाय नम:' मंत्र का जप करें।
- - कुंभ राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में काले तिल और अक्षत डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ ब्रह्मणे दिवाकर नम:' का जप करें।
- - मीन राशि के जातक भानु सप्तमी के दिन जल में पीले रंग के फूल और केसर डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देवें। साथ ही 'ॐ जयिने नम:' मंत्र जप करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।