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Cancer ka Ilaj Karne Vala Mantra: सनातन धर्म में हर समस्या के लिए अलग-अलग मंत्र बताये गए है। उन्हीं में से एक है लाइलाज कही जाने वाली कैंसर की बीमारी। इसके लिए भी एक मंत्र है, जिसे कारगर कहा गया है।

Cancer ka Ilaj Karne Vala Mantra: हिंदू धर्म कई सदियों से चला आ रहा है। विद्वान बताते है कि दुनिया के तमाम धर्मों की उत्पत्ति सनातन धर्म से ही हुई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिंदू धर्म बेहद प्राचीन है। इस धर्म को अगर गहराई से जाना और समझा जाए तो इसमें कई तरह की अकल्पनीय चीजें देखने को मिलती है, उन्हीं में से एक है मंत्र शक्ति। जी हां मंत्र शक्ति, जिनके जरिये इंसान अपने जीवन में उत्पन्न होने वाली हर समस्या का निदान कर सकता है। कहा जाता है कि मंत्रो की शक्ति से रोग दूर भागते है। इनका नियमित जप जातकों को मानसिक शांति प्रदान करता है। सनातन धर्म में हर समस्या के लिए अलग-अलग मंत्र बताये गए है। उन्हीं में से एक है लाइलाज कही जाने वाली कैंसर की बीमारी। इसके लिए भी एक मंत्र है, जिसे कारगर कहा गया है। 

कैंसर रोग के इलाज का मंत्र 

ॐ नम: शिवाय शंभवे कर्केशाय नमो नम:।

यह मंत्र किसी भी तरह के कैंसर रोग में लाभदायक माना गया है। सनातन धर्म में इस मंत्र को भगवान भोलेनाथ की कृपा से जोड़ा गया है। कहते है कैंसर रोगी इस मंत्र को नियमित भोलेनाथ के सामने बैठकर जप करें। ध्यान रखें मंत्र जाप के दौरान किसी भी तरह के व्यवधान से मन विचलित न हो। 

अन्य रोगों के लिए हिंदू धर्म में मंत्र 

  • - मस्तिष्क संबंधी विभिन्न रोगों जैसे सिरदर्द, हिस्टीरिया, याददाश्त जाने आदि में "ॐ उमा देवीभ्यां नम:" मंत्र लाभकारी  है। 
  • - मोतियाबिंद सहित रतौंधी, नेत्र ज्योति कम होने जैसे आंखों के रोग के लिए "ॐ शंखिनीभ्यां नम:" मंत्र लाभकारी है। 
  • - हृदय संबंधी रोगों के इलाज के लिए "ॐ नम: शिवाय संभवे व्योमेशाय नम:" मंत्र बेहद लाभकारी माना गया है। 
  • - स्नायु रोग से मुक्ति के लिए "ॐ धं धर्नुधारिभ्यां नम:" मंत्र का जप करना लाभकारी रहता है। 
  • - कर्ण विकारों यानी कान से जुड़े रोगों से निदान के लिए "ॐ व्हां द्वार वासिनीभ्यां नम:" लाभकारी रहता है। 
  • - कफ संबंधी रोगों के निदान में "ॐ पद्मावतीभ्यां नम:" मंत्र लाभकारी रहता है। 
  • - श्वांस रोग के निदान में "ॐ नम: शिवाय संभवे श्वासेशाय नमो नम:" मंत्र का जप करें। 
  • - पक्षाघात रोग से निदान के लिए "ॐ नम: शिवाय शंभवे खगेशाय नमो नम:" मंत्र का जप करें। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर बेस्ड है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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