Hindu Dharma: हिंदू धर्म शास्त्रों में किसी व्यक्ति के मरने के बाद मृत्यु भोज की परंपरा रही है। इसके अलावा भी कई ऐसे परम्पराएं रही है, जिनके बारे में लोगों के बीच असमंजस की स्तिथि बनी हुई है। कहते है कि जब तक व्यक्ति इस धरती पर विचरण करता है, तब तक वह निश्चित मृत्यु के सत्य को जानते हुए भी मोहपाश में उलझा रहता है। यही नहीं उसकी मृत्यु के बाद भी उसके करीबी लोग उससे जुड़ी यादों को मोहवश खुद से अलग नहीं कर पाते है।
इस तरह की स्तिथि में अधिकांश लोग अपने किसी करीबी की मृत्यु के बाद उसके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीजों को यादों के तौर पर संभाल कर रखते है। लेकिन क्या आप जानते है हमारा हिंदू धर्म शास्त्र इसे गलत बताता है। शास्त्र कहते है कि मृत व्यक्ति के सामानों का इस्तेमाल करना अशुभ संकेत है। चलिए आगे लेख में बताते है कि मृत व्यक्ति के समानों जैसे कपड़े, गहने या फिर अन्य का इस्तेमाल करने पर हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।
मृत व्यक्ति की चीजों के बारे में -
- हिंदू धर्म शास्त्रों की माने तो मृत व्यक्ति के गहने कभी भी नहीं पहनने चाहिए। इन्हें यादों के तौर पर अपने साथ रखा जा सकता है, लेकिन इनके इस्तेमाल से मृत व्यक्ति की आत्मा आकर्षित होती है। शास्त्र कहते है कि मृत व्यक्ति के गहनों को नया रूप-आकर देकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
- हिंदू धर्म शास्त्रों की माने तो मृत व्यक्ति के कपड़ों को भी कभी धारण नहीं करना चाहिए। इन्हें आप गरीबों अथवा जरूरतमंदों को दान स्वरुप दे सकते है। यदि आप मृत व्यक्ति के करीबी है और उसके कपडे इस्तेमाल करते है तो उसकी आत्मा आकर्षित होती है। इससे आपका जीवन प्रभावित हो सकता हैं।
- हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि मृत व्यक्ति की रोजमर्रा की चीजों को दान कर देना चाहिए। आप चाहे तो इन्हें यादों के तौर पर रख सकते है, लेकिन ध्यान रखें कि उसके द्वारा इस्तेमाल चीज को न पहनें, इससे पितृ दोष लग सकता है। इसके अलावा मृत व्यक्ति के बिस्तर घर में न रखें, इन्हें दान का दें।
- हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि मृत व्यक्ति की कुंडली को उनके जाने के बाद घर में रखना अशुभ होता है। इसे आप या तो मंदिर में रखें अथवा किसी नदी में प्रवहित कर देवें। यदि आप ऐसा कर देते है तो मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।)